Gaya News : हर साल मेले से पहले दोहराई जाती है अधूरी मरम्मत की कहानी
छह से 21 सितंबर तक आयोजित होने वाले राजकीय पितृपक्ष मेले की तैयारी को लेकर नगर निगम की ओर से विभिन्न जगहों पर विकास कार्य किये जा रहे हैं.
गया जी. छह से 21 सितंबर तक आयोजित होने वाले राजकीय पितृपक्ष मेले की तैयारी को लेकर नगर निगम की ओर से विभिन्न जगहों पर विकास कार्य किये जा रहे हैं. मेला क्षेत्र में पेवर ब्लॉक लगाने, नालियों की मरम्मत और निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल मेले के समय निगम की ओर से सड़क किनारे पेवर ब्लॉक लगाये जाते हैं, लेकिन उनमें बालू की उचित परत नहीं बिछाई जाती. इसके चलते मेला खत्म होते ही पेवर ब्लॉक टूटने और उखड़ने लगते हैं. नालियों के निर्माण में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता. डीएम शशांक शुभंकर ने शुक्रवार को निरीक्षण के दौरान सही ढंग से लेवलिंग करने के निर्देश दिये थे. लेकिन लोगों का कहना है कि निर्देश मिलने के बाद भी निगम सिर्फ काम पूरा करने पर जोर देता है, निगरानी के लिए इंजीनियर मौके पर नहीं पहुंचते. अगर आते भी हैं तो ठेकेदार उन्हें समझाकर काम चला देते हैं. डीएम ने 20 अगस्त तक सभी कार्य पूरे करने का आदेश दिया है. सूत्रों के अनुसार, विभागीय कार्य इंजीनियरों के नाम पर होते हैं, लेकिन वे इन्हें ठेकेदारों को सौंप देते हैं. नतीजतन माप-जोख भी वही करते हैं और उन्हें सबकुछ सही लगता है. फिलहाल, नौवागढ़ी और राजेंद्र आश्रम में भी नाली निर्माण में सामग्री की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गयी है.
कई बार हो चुकी है चर्चा, नहीं हुआ सुधार
मेला का आयोजन हर वर्ष होता है और संबंधित विभाग को इसकी पूरी जानकारी रहती है. एक वर्ष पहले मेला उद्घाटन के दौरान मंत्री ने घोषणा की थी कि मेला क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण काम कराया जायेगा, ताकि हर साल मेला के समय नए निर्माण की जरूरत न पड़े. लेकिन यह घोषणा भी कागजों तक सीमित रह गई. हर साल मेले से पहले जल्दबाजी में अधूरा और लापरवाह काम कराया जाता है. संबंधित कनिष्ठ अभियंता का कहना है कि कुछ जगहों पर पेवर ब्लॉक लगाने में बालू से लेवल नहीं किया गया है, जिसे जल्द ही सुधार लिया जायेगा और आगे से इसका पूरा ध्यान रखा जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
