Gaya News : ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है न्यूट्रिनो पर शोध को
Gaya News : सीयूएसबी के भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो वेंकटेश सिंह के नेतृत्व में एक शोध दल द्वारा न्यूट्रिनो पर किये गये शोध को प्रतिष्ठित फिजिकल रिव्यू लेटर्स ने प्रकाशित किया है.
गया. न्यूट्रिनो, जिन्हें उनकी सूक्ष्मता और लगभग अदृश्य गुणों के कारण भूतिया कण कहा जाता है. फोटॉन के बाद ब्रह्मांड में सबसे आम कण है. हालांकि, वे इतने कमजोर रूप से परस्पर क्रिया करते हैं कि उन्हें पहचानना कई वर्षों से वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती रहा है. सीयूएसबी के भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो वेंकटेश सिंह के नेतृत्व में एक शोध दल द्वारा न्यूट्रिनो पर किये गये शोध को प्रतिष्ठित फिजिकल रिव्यू लेटर्स ने प्रकाशित किया है. पीएनएएस, नेचर फिजिक्स, सेल, जेएसीएस जैसी पत्रिकाओं के समकक्ष जर्नल फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित इस अध्ययन का फोकस न्यूट्रिनो-न्यूक्लियस कोहेरेंट स्कैटरिंग (सीइवीएनएस) है और इसने अंतरराष्ट्रीय पटल पर वैज्ञानिक क्षेत्र में अन्वेषण में भारत की भूमिका को चिह्नित किया है. इस उपलब्धि पर सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह एवं कुलसचिव प्रो नरेंद्र कुमार राणा ने शोध टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि प्रो वेंकटेश सिंह के नेतृत्व में संचालित शोध दल में डॉ लखविंदर सिंह के साथ भारत, ताइवान, तुर्की और चीन के वैज्ञानिक शामिल थे. टीम में प्रो मोहम्मद डेनिज (तुर्की), प्रो एच टी वोंग (टेक्सोनो लेक्चरर, ताइवान), डॉ विवेक शर्मा (एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखंड), डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ ली हाउ बिन, डॉ मुकेश कुमार पांडे (भौतिकी संस्थान, एकेडेमिया सिनिका, ताइवान) और डॉ मनोज कुमार सिंह (जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा, उत्तर प्रदेश) शामिल हैं. प्रो वेंकटेश सिंह के नेतृत्व में भारतीय वैज्ञानिकों ने ताइवान, चीन और तुर्की के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर ताइवान के कुओ-शेंग रिएक्टर न्यूट्रिनो प्रयोगशाला (केएसएनएल) में यह शोध किया, जहां पी-टाइप पॉइंट-कॉन्टेक्ट जर्मेनियम डिटेक्टर का इस्तेमाल किया गया. इस शोध को ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है और आने वाले समय में इसके उत्साहवर्धक परिणाम प्राप्त होंगे.
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