Gaya News : फाइन का डर नहीं, बिना ढके तोड़ी-बनायी जा रही बिल्डिंग

Gaya News : शहर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए कई तरह के निर्णय हाल के दिनों में लिये गये. इसमें शहर में किसी भी मकान या बिल्डिंग को बनाने या तोड़ने के दौरान ढंकने के नियम को सख्ती से पालन करवाने का भी दावा किया गया था

By PRANJAL PANDEY | April 11, 2025 11:02 PM

गया. शहर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए कई तरह के निर्णय हाल के दिनों में लिये गये. इसमें शहर में किसी भी मकान या बिल्डिंग को बनाने या तोड़ने के दौरान ढंकने के नियम को सख्ती से पालन करवाने का भी दावा किया गया था, ताकि इससे निकलने वाली धूल से किसी को कोई नुकसान नहीं हो. बिना ढके मकान तोड़ने या बनाने पर 5000 रुपये फाइन का प्रावधान किया गया है. लेकिन, हाल के दिनों में देखा जाये तो मकान तोड़ने या बनाने के वक्त इस तरह के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. नगर निगम की ओर से सफाई के दौरान झाड़ू लगाने के क्रम में सुबह-शाम-दोपहर तीनों टाइम धूल उड़ती है. इससे भी बाजार आने-जाने वाले लोग काफी बेहाल रहते हैं. लोगों की इस दिक्कत पर कोई पहल करने को अब तक तैयार नहीं हो रहा है.

कर्मचारी भी नहीं रहते सुरक्षित : नगर निगम की ओर से झाड़ू देने के लिए लगए गये कर्मचारी भी धूल से बीमार हो रहे हैं. बिना मास्क पहने ही हर जगह झाड़ू लगाते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाने के दौरान उठने वाली धूल के संपर्क में लगातार आते रहते हैं. धूल का सबसे प्रभावशाली प्रभाव श्वसन तंत्र की बीमारी का एक आम कारण माना जाता है और यह फेफड़ों की कार्यक्षमता में लंबे समय तक के लिए कमी का कारण बन सकता है. सड़कों पर उड़ने वाली धूल के कारण अस्थमा के मरीज और जिनको एलर्जी है वो तो सीधे तौर पर परेशान होते ही हैं, उनके साथ ही एक सामान्य व्यक्ति भी जो रोज-रोज धूल का सामना करने पर बीमार पड़ सकता है.

फाइन के लिए टीम को निकाला जा रहा

मकान बनाने या तोड़ने के वक्त ढंक कर ही काम करवाना है. बिना ढके हुए काम कराने पर निगम की ओर से 5000 रुपया फाइन किया जाता है. कई लोगों को इस जद में लिया गया है. झाड़ू लगाते वक्त भी धूल नहीं उड़ना चाहिए. इसका इंतजाम जल्द कर लिया जायेगा.

मोनू कुमार, स्वच्छता पदाधिकारी, नगर निगम गया

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है