बिहार का जन्नत देखना हो तो यहां जरूर आएं, वापस जाने के नहीं करेगा मन
Bihar Tourist Places: बिहार के गया जिले का बोधगया पर्यटन स्थल के रूप में काफी मशहूर है. यहां लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. आज हम आपको जिन जगहों के बारे में बताएंगे वहां आप घूमने के साथ-साथ पूजा-पाठ भी कर सकते हैं.
Bihar Tourist Places: बिहार के गया जिले का बोधगया पर्यटन स्थल के रूप में काफी मशहूर है. यहां लाखों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. आज हम आपको जिन जगहों के बारे में बताएंगे वहां आप घूमने के साथ-साथ पूजा-पाठ भी कर सकते हैं. बच्चों के लिए यह बेस्ट पिकनिक स्पॉट भी है. यह जगह गया से महज कुछ ही दूरी पर स्थित है. बच्चों के साथ वीकेंड इंजॉय करने का यह बेस्ट स्पॉट है.
फ्लोरल बायो डाइवर्सिटी पार्क
गया शहर से 35 किमी दूर डोभी के पिपरघट्टी में करीब 64 हेक्टेयर में फ्लोरल डायवर्सिटी पार्क बना है. इस पार्क में विभिन्न प्रकार के कुल 250 से अधिक प्रजाति के दुर्लभ, विलुप्त प्राय और महंगे पौधे, औषधीय पौधे और फूलों की प्रजाति को संरक्षित किया गया है. यहां एक पौधे की अनेकों प्रजातियां देखी जा सकती है. बैठने के लिए यहां जगह-जगह पर बांस की झोपड़ी बनी हुई है. इसके अलावा इस पार्क में दो हिरण भी हैं जिनका आप दीदार कर सकते हैं. वहीं बच्चों के मनोरंजन के लिए यहां चिल्ड्रन पार्क भी हैं जहां बच्चे कई तरह के खेल का लुफ्त उठा सकते हैं.
गहलोर घाटी
वहीं, गया शहर से 30 किमी दूर स्थित गहलौर गांव के दशरथ मांझी की प्रेम कहानी एक मिसाल है. जी, हां मांझी 22 सालों तक अपने हाथों से उस पहाड़ की चट्टानों को काटते रहे, जहां उनकी पत्नी की मौत हुई थी. यहां दशरथ मांझी का स्मारक स्थल और द्वार भी बना है. उनकी लव स्टोरी को देखने और सुनने के लिए देश-विदेश से पर्यटक भी वहां पहुंचते हैं. माउंटेन मैन दशरथ मांझी और फगुनिया की प्रेम कहानी लोगों के दिलों में एक छाप छोड़ जाती है.
डुंगेश्वरी
इसके बाद गया शहर से 12 किलोमीटर उत्तर पूर्व में एक रमणीक पहाड़ी है जो डुंगेश्वरी पहाड़ी के नाम से मशहूर है. यह पहाड़ी बौद्धिस्ट सर्किट के साथ हिंदु सर्किट से भी जुड़ा हुआ है. यह जगह लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है. बता दें कि इस पहाड़ी की चोटी पर एक प्राचीन गुफा है जिसमें एक मंदिर भी है. यह विश्व की प्राचीन गुफाओं में एक मानी जाती है. इस गुफा को महाकाल गुफा और प्राग बोधी गुफा के नाम से भी जाना जाता है. पर्यटन सीजन में यहां बौद्ध श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. जबकि नवरात्र के महीने मे यहां हिंदु समुदाय के लोगों की भीड़ उमड़ती है.
रबड डैम
गया शहर की स्थित फल्गु नदी पर बिहार का पहला और देश का सबसे बड़ा रबर डैम बना है. लगभग 312 करोड़ की लागत से बने इस रबर डैम से फल्गु नदी में पूरे साल पानी रहता है. इससे लोगों को स्नान, पिंडदान और तर्पण में काफी सुविधा होती है. गया जी रबड डैम गया शहर के लोगों के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात हो गया है. डैम देखने के लिए यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग जाते हैं. यहां रंग-बिरंगी लाइट में सेल्फी भी लेते हैं. इसके पास ही विष्णुपद मंदिर स्थित है जहां भगवान विष्णु के पद का दर्शन कर सकते हैं.
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सीता कुंड
गया स्थित सीता कुंड, यह वही स्थान है जहां देवी सीता ने राजा दशरथ का पिंडदान किया था. यह सीता कुंड गया शहर में फल्गु नदी के पूर्वी तट पर स्थित है और यह गया के सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थलों में से एक है. बता दें कि यहां न सिर्फ सीता, बल्कि भगवान राम और लक्ष्मण ने भी अपने चरण कमल रखे थे. बिहार के मुंगेर सहित अन्य जगहों पर भी सीता कुंड हैं, लेकिन गया स्थित सीता कुंड की अपनी एक अलग पहचान है. यहां फल्गु नदी किनारे रेत के नीचे से गुप्त गंगा नदी बहती है. जानकारी है कि आप अपने हाथों से रेत में एक छोटा सा गड्डा खोदकर गुप्त गंगा के पवित्र जल का दर्शन कर सकते हैं.
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