डिमेंशिया से जूझ रहे व्यक्ति को इंसान के रूप में देखना जरूरी
निरवाना क्लिनिक व जानकी सुशीला मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस ट्रस्ट में विश्व अल्जाइमर दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन
निरवाना क्लिनिक व जानकी सुशीला मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस ट्रस्ट में विश्व अल्जाइमर दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन नोट- विज्ञापन विभाग से आयी खबर. फोटो- गया रोशन- 500- मुख्य संवाददाता, गया जी. विश्व अल्जाइमर दिवस के अवसर पर निरवाना क्लिनिक और जानकी सुशीला मेंटल हेल्थ एंड वेलनेस ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में अल्जाइमर रोग एवं अन्य प्रकार के डिमेंशिया के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष जागरूकता एवं शिक्षा कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रसिद्ध मनोचिकित्सकों डॉ चौधरी लक्ष्मी नारायण, डॉ मृदुल दीपांशु, डॉ मृदुला नारायण और डॉ कृतिका अग्रवाल ने किया. सत्र के दौरान स्थानीय नागरिकों, रोगियों के परिजनों, स्वास्थ्यकर्मियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. विशेषज्ञों ने डिमेंशिया एवं अल्जाइमर रोग के लक्षण, कारण, निदान के महत्व, आधुनिक उपचार विकल्पों तथा रोगियों और उनके परिजनों के लिए सहयोगात्मक रणनीतियों पर विस्तार से जानकारी दी. डॉ मृदुल दीपांशु ने कहा कि डिमेंशिया और अल्जाइमर केवल याददाश्त की बीमारी नहीं है, यह व्यक्ति की सोच, व्यवहार और संबंधों को भी प्रभावित करता है. सही समय पर पहचान और वैज्ञानिक इलाज से मरीज के जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार किया जा सकता है. डॉ मृदुला नारायण ने कहा कि डिमेंशिया से जूझ रहे व्यक्ति को केवल रोगी नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में देखना जरूरी है. सहानुभूति और भावनात्मक सहयोग से वे सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं. डॉ कृतिका अग्रवाल ने कहा कि समाज में अल्जाइमर से जुड़े डर और कलंक को कम करने की जरूरत है. डॉ चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि हमारा लक्ष्य लोगों तक सटीक जानकारी पहुंचाकर यह बताना है कि अल्जाइमर के बावजूद मरीज गरिमापूर्ण और सक्रिय जीवन जी सकते हैं, बशर्ते समय पर इलाज और उचित सहयोग मिले. कार्यक्रम के अंत में रोगियों और उनके परिजनों के लिए निःशुल्क परामर्श एवं जानकारी केंद्र भी उपलब्ध कराया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
