350 भिक्खुओं ने विनयपिटक का किया सुमधुर पाठ
कालच्रक मैदान में विनयपिटक की गाथाएं सुन भाव-विभोर होते रहे हजारों श्रद्धालु
कालच्रक मैदान में विनयपिटक की गाथाएं सुन भाव-विभोर होते रहे हजारों श्रद्धालु
वरीय संवाददाता, बोधगया. इंटरनेशनल त्रिपिटक चैंटिंग समारोह के सातवें दिन सोमवार को नेपाल के भिक्खु संघ तथा इंटरनेशनल भिक्खु संघ ने संयुक्त रूप से त्रिपिटक की गाथाओं का पठन किया. कालचक्र मैदान के मुख्य पंडाल में सुबह आठ बजे से नेपाल के भिक्खु संघ तथा अंतरराष्ट्रीय भिक्खु संघ के लगभग 350 भिक्खुओं ने एक साथ पाली में विनयपिटक की चुनिंदा गाथाओं का मधुर सामूहिक पठन किया. यह पठन दो घंटे तक चला. पंडाल में उपस्थित हजारों श्रद्धालु भाव-विभोर होकर सुनते रहे. दोपहर में 12 देशों के डॉक्टर्स की ओर से मेत्ता आनंद फाउंडेशन के माध्यम से कालचक्र मैदान में दी जा रही मुफ्त वैद्यकीय सेवाओं के लिए उन्हें सम्मानित किया गया. मेत्ता आनंद फाउंडेशन 2017 से लोगों को मुफ्त में चिकित्सा शिविर के माध्यम से वैद्यकीय सेवाएं प्रदान करता है. मेत्ता आनंद फाउंडेशन के तहत 12 देशों (भारत, थाईलैंड, श्रीलंका, म्यांमार, वियतनाम, कम्बोडिया, लाओस, मलेशिया, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया एवं जर्मनी) के 47 डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ को शाॅल, बुद्ध मूर्ति एवं प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि वांग्मो डिक्से (लद्दाख) तथा रिचर्ड डिक्से तथा आइटीसीसी के चेयरमैन भंते संघसेना ने यह सम्मान प्रदान किया.महानाट्य का हुआ मंचन
कालचक्र मैदान में कर्नाटक के डॉ आंबेडकर मेमोरियल सेंटर, स्फूर्तिधाम बेंगलुरु की ओर से बुद्ध द लाइट ऑफ वर्ल्ड महानाट्य का मंचन हुआ. इस महानाट्य के निर्माता एस मारीस्वामी थे. इस महानाट्य के माध्यम से भगवान बुद्ध के सचित्र जीवन तथा उपदेशों का संदेश दिया गया. इससे लोग काफी प्रभावित हुए. भंते सीरीवुत्थाना ने कहा कि बिहार के लोग धन्य हैं, जो इस पुण्यभूमि में रहते हैं. हम थाई भिक्खु सदा इस भूमि के ऋणी रहेंगे. देशना के बाद हजारों श्रद्धालु बोधिवृक्ष की परिक्रमा करते हुए नमो बुद्धाय का जाप करते रहे. समारोह का सातवां दिन करुणा, कला और धम्म के अद्भुत संगम के साथ संपन्न हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
