नौकरी और कोरोना वैक्सीन देने के नाम पर आ रहे हैं फर्जी कॉल-मैसेज, आर्थिक अपराध इकाई ने लोगों को किया अलर्ट, ये हैं बचने के उपाय

किसी प्रकार की नौकरी देने के प्रलोभन में न फंसे. किसी भी अनजान सोर्स से आने वाले मैसेज या उसके लिंक पर न जाएं. समझदारी के साथ ही साइबर ठगों को मात दिया जा सकता है.

By Prabhat Khabar | December 28, 2020 1:06 PM

गया . फोन काॅल या व्हाटसएप मैसेज के माध्यम से नौकरी देने या कोरोना वैक्सीन देने के नाम पर आने वाले संदेशों से सचेत रहने की आवश्यकता है.

साइबर अपराधियों ने लोगों के बैंक खाते में जमा पैसों को उड़ाने का यह नया तरीका निकाला है. साइबर अपराधी लोगों को इस तरह का काॅल या मैसेज कर उनसे ओटीपी मांगते हैं या फिर लिंक भेज कर उस पर क्लिक करने को कहते हैं.

ऐसा करते ही आपके बैंक खाते में उनकी सेंधमारी हो जाती है और वे आसानी से बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं. साइबर अपराधी वर्तमान स्थिति व लोगों की जरूरतों को देखते हुए अपनी प्लानिंग कर रहे हैं.

उन्हें पता है कि अभी लोगों की आवश्यकता रोजगार और कोरोना वैक्सीन है. ऐसे में इस नाम पर ठगी करना उनके लिये आसान है. लोगों की नासमझी ही उनके अपराध को बढ़ावा देता है.

नौकरी के नाम पर भेजे जा रहे लिंक

व्हाटसएप समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर नौकरी देने के नाम पर मैसेज भेजा जाता है. इसमें हर रोज 200 से 3000 रुपये कमाने तक का आॅफर दिया जाता है. इसके साथ ही मैसेज में नौकरी पाने के लिये लिंक पर क्लिक करने को कहा जाता है.

क्लिक करते ही गोपनीय डाटा व बैंक खाते की जानकारी साइबर अपराधियों तक पहुंच जाती है. और, वे खाते में जमा पैसे उड़ा लेते हैं. इस विषय पर राज्य सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने लोगों को जागरूक किया है.

लोगों को सचेत किया जा रहा है कि किसी प्रकार की नौकरी देने के प्रलोभन में न फंसे. किसी भी अनजान सोर्स से अाने वाले मैसेज या उसके लिंक पर न जाएं. समझदारी के साथ ही साइबर ठगों को मात दिया जा सकता है.

कोरोना रजिस्ट्रेशन का आ रह ऑफर

सोशल मीडिया पर कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर क्राइम के मामले देश भर में आने लगे हैं. साइबर अपराधी इसमें दो तरह के रास्ते अपना रहे हैं.

पहला लोगों को सोशल मीडिया पर मैसेज भेज कर उनसे कोरोना वैक्सीन दिलाने के लिये रजिस्ट्रेशन कराने को कहा जा रहा है. मैसेज पर एक लिंक भेजा जाता है. इस लिंक को क्लिक करते ही मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खाते की जानकारी अपराधियों तक पहुंच जाती है और वे पैसे उड़ा लेते हैं.

दूसरा तरीका यह है कि रजिस्ट्रेशन के नाम पर काॅल आता है. अपराधी वैक्सीन देने के लिये रजिस्ट्रेशन की बात कहते हैं और फिर बातों में ही उलझा लेते हैं. इस दौरान लोगों के मोबाइल पर भेजे गये ओटीपी की जानकारी हासिल कर खाते से पैसे उड़ा लेते हैं.

Posted by Ashish Jha

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