Darbhanga News: धान की कटनी के बाद गेहूं की बोआई के लिए शून्य जुताई विधि महत्वपूर्ण

Darbhanga News:धान की कटनी के बाद गेहूं की बोआई के लिए शून्य जुताई विधि द्वारा खेती काफी महत्वपूर्ण है.

By PRABHAT KUMAR | December 8, 2025 10:31 PM

Darbhanga News: जाले. धान की कटनी के बाद गेहूं की बोआई के लिए शून्य जुताई विधि द्वारा खेती काफी महत्वपूर्ण है. इसके लिए जीरो ट्रील कम फर्टिलाइजर ड्रिल यंत्र का चुनाव किया जाता है. कृषि विज्ञान केन्द्र की मृदा एवं जल अभियंत्रण विशेषज्ञ निधि कुमारी ने मीडिया के माध्यम से किसानों के लिए कहा कि सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर यंत्र द्वारा बोआई के लिए खेत की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है. जीरो ट्रिलेज में जुताई नहीं की जाती. इसके लिए धान की कटाई उपर से कराना चाहिए. 20 से 25 सेमी का जड़ छोड़ देने से बोआई में आसानी होती है. पुआल को खेत में समान रूप से फैलाकर सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करना चाहिए. नमी प्रबंधन के लिए धान कटाई के दो-तीन दिन के भीतर बोआई कर लेनी चाहिए. जीरो ट्रिलेज में नमी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. खेत में हल्की नमी होनी चाहिए. पानी नहीं होना चाहिए. बीज सौ-सवा सौ किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर आवश्यक होता है. जरूरत पड़ने पर 10 से 15 प्रतिशत अधिक बीज भी दिया जा सकता है. उत्तरी बिहार के लिए गेहूं के प्रमुख प्रभेदों में एचडी 2967, डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 262, बीबीडब्ल्यू 52 आदि उपयुक्त हैं. जीरो ट्रिलेज यंत्र द्वारा बोआई में कतार से कतार की दूरी 20 से 22.5 सेमी, गहराई तीन से पांच सेमी होती है. यदि गहराई अधिक होगी तो अंकुरण धीमा होगा. उर्वरक प्रबंधन के लिए जीरो ट्रिलेज ड्रिल सीड व उर्वरक में डीएपी एक साथ रखी जाती है. इससे बोआई के साथ-साथ खाद भी एक साथ खेतों में पड़ जाती है.

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