Darbhanga News: उपेक्षित जन को हिंदी कविता में त्रिलोचन ने दिलाया केंद्रीय स्थान

Darbhanga News:लनामिवि के पीजी हिंदी विभाग में त्रिलोचन शास्त्री की जयंती पर विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार की अध्यक्षता में संगोष्ठी हुई.

By PRABHAT KUMAR | August 20, 2025 11:01 PM

Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि के पीजी हिंदी विभाग में त्रिलोचन शास्त्री की जयंती पर विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश कुमार की अध्यक्षता में संगोष्ठी हुई. प्रो. कुमार ने कहा कि हिन्दी साहित्य में सोनेट त्रिलोचन की देन है. त्रिलोचन ने हिन्दी कविता में उपेक्षित जन को केंद्रीय स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जनपक्षधर कवि हैं त्रिलोचन- डॉ सुरेंद्र

डॉ सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कहा कि वास्तव में, त्रिलोचन, केदारनाथ अग्रवाल, मुक्तिबोध और नागार्जुन वेदना के कवि हैं. अपनी पीड़ा को जन की पीड़ा में एकमेक करने का कवि सामर्थ्य इन कवियों में है. त्रिलोचन जनपक्षधर कवि हैं. त्रिलोचन मानवीय मूल्यों की सच्ची परिभाषा गढ़ते हैं. कहा कि हिन्दी कविता में प्रगतिवादी कवि नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल और त्रिलोचन ने आजीवन प्रगति, समता और जनवाद जैसे मूल्यों का निर्वहन किया. त्रिलोचन की सबसे लंबी कविता ‘नगई महरा’ का नायक उत्पीड़ित वर्ग का व्यक्ति है. त्रिलोचन देशज ठाठ के कवि हैं. संचालन करते हुए डॉ मंजरी खरे ने कहा कि त्रिलोचन के साहित्यिक अवदान पर गहन अध्ययन होना चाहिए. प्रो. विजय कुमार, डॉ आनंद प्रकाश गुप्ता, डॉ मधु प्रभा सिंह, डॉ अखिलेश कुमार राठौड़, डॉ अनिरुद्ध आदि ने भी विचार रखा. धन्यवाद ज्ञापन बेबी कुमारी ने किया. मौके पर समीर, सियाराम मुखिया, दुर्गानंद ठाकुर, बबीता कुमारी, रूबी कुमारी, सुभद्रा कुमारी, अमित कुमार, रोहित कुमार, मलय नीरव, संध्या राय, दर्शन सुधाकर, कोमल कुमारी, नबी हुसैन, अंशु कुमारी, ज्योति कुमारी आदि मौजूद थे.

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