Darbhanga: वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने से 10 हजार करोड़ तक पहुंच सकता मखान का कारोबार
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में आइटीसी लिमिटेड के सहयोग से दरभंगा व मधुबनी जिले के किसानों व उद्यमियों के लिए दो दिवसीय उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
सदर. राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में आइटीसी लिमिटेड के सहयोग से दरभंगा व मधुबनी जिले के किसानों व उद्यमियों के लिए दो दिवसीय उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उद्घाटन केंद्र के वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. मौके पर उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक पद्धतियों पर आधारित खेती व प्रसंस्करण तकनीकों को अपनाकर अगले पांच वर्षों में बिहार का मखान उद्योग 10 हजार करोड़ रुपये स्तर पर पहुंच सकता है. यह न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं के लिए रोजगार व स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा. उन्होंने युवाओं से बाहर जाने के बजाय अपने क्षेत्र में उपलब्ध उद्योग और उद्यमिता की संभावनाओं का लाभ उठाने की अपील की. कहा कि मखाना उद्योग मिथिला की पहचान को नया आयाम देने के साथ-साथ ग्रामीण समृद्धि का स्थायी आधार बना सकता है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर कौशल विकास महिला उद्यमिता और आधुनिक तकनीकों को अपनाना बेहद आवश्यक है. कहा कि किसान और युवा वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाएं तो मखाना उत्पादन और उत्पादकता दोनों में कई गुना वृद्धि संभव है. तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को मखाना उत्पादन प्रोसेसिंग और जलीय कृषि से संबंधित जानकारी दी. वैज्ञानिक ई. आरके राउत ने प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान किसानों को उच्च उत्पादन देने वाली तकनीकों का परिचय कराया. उन्होंने मखाना प्रसंस्करण मशीनरी का लाइव प्रदर्शन भी किया. इससे किसानों को इसकी कार्यप्रणाली को समझने में काफी मदद मिली. डॉ वीके पडाला ने जलीय फसलों में समन्वित कीट प्रबंधन की तकनीकों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि समय पर निगरानी और वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग कर किसान कीटों से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं. विशेषज्ञ एसएम राउत ने एकीकृत जलकृषि प्रणाली की संभावनाओं पर चर्चा की. बताया कि यह मॉडल किसानों को विविधीकृत आय का अवसर प्रदान करता है. अशोक कुमार ने मखाना नर्सरी में कीट प्रबंधन और पौध तैयार करने की उन्नत तकनीकों से किसानों को अवगत कराया. कार्यक्रम में आइटीसी की सहयोगी संस्था सर्व सेवा समिति के अभय, अर्जुन, अभिषेक कुमार सिंह व जय कुमार की सक्रिय भागीदारी रही. संचालन डॉ शिवानी झा व धन्यवाद ज्ञापन आइटीसी लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने किया.
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