Darbhanga : हटाये जायेंगे प्राथमिक विद्यालय से प्रधान शिक्षक
वर्तमान में जिले के अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों की कमान प्रधान शिक्षकों के हाथों में है.
नियमित शिक्षक वाले विद्यालय से मुक्त किए जाएंगे हेड टीचरदरभंगा. वर्तमान में जिले के अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों की कमान प्रधान शिक्षकों के हाथों में है. गत वर्ष प्राथमिक विद्यालयों के लिए प्रधान शिक्षक बीपीएससी से चयनित किए गए थे. इनका चयन प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक का पद सृजित कर किया गया था. बाद में निदेशालय स्तर से इन्हें प्राथमिक विद्यालय में पदस्थापित किया गया. पदस्थापन के बाद कई विद्यालयों में इन्हें प्रभार नहीं सौंपा जा रहा है. इसका मुख्य कारण उन विद्यालयों में पूर्व से नियमित शिक्षकों का पदस्थापन रहा है. हालांकि कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं, जहां नियमित शिक्षक पदस्थापित होने के बावजूद नवनियुक्त प्रधान शिक्षकों को विद्यालय का प्रभार सौंप दिया गया है. इन विद्यालयों में नियमित शिक्षकों को विद्यालय प्रभारी बने रहने में रुचि नहीं थी. बावजूद दर्जनों ऐसे प्राथमिक विद्यालय हैं, जिसका प्रभार अभी तक प्रधान शिक्षक के हाथों में नहीं सौंपा गया है.
वरीयता निर्धारण को लेकर जारी पत्र से असमंजस की स्थिति
इस बीच प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में शिक्षकों के बीच वरीयता का निर्धारण किया गया. वरीयता के निर्धारण में नियमित शिक्षकों (मरणशील पद) को सबसे वरीय माना गया. इस पत्र के जारी होने के बाद एक तकनीकी अर्चन सामने आई है. जिन विद्यालयों में नियमित शिक्षक एवं प्रधान शिक्षक दोनों पदस्थापित हैं, उनमें विभाग के एक आदेश कहा गया है कि नियमित शिक्षक के रूप में वर्ष 94 एवं 99 में बीपीएससी से बहाल शिक्षक प्रभारी हो सकेंगे. ऐसे में जिन पदों को सृजित कर प्रधान शिक्षक पदस्थापित किए गए हैं, उनके पदस्थापन के औचित्य पर प्रश्न उठने लगे हैं. हाल ही में दरभंगा सहित कई जिलों से नियमित शिक्षकों द्वारा न्यायालय में वाद दायर किया गया. इसमें भोजपुर जिले के एक मामले में प्राथमिक शिक्षा उपनिदेशक प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने कहा है कि वर्ष 94 एवं 99 में बीपीएससी द्वारा बहाल शिक्षकों के विद्यालय में मौजूद रहने के बावजूद प्रधान शिक्षकों की पदस्थापना की गई है. जबकि संबंधित मामले में वरीयता के संबंध में 20 नवंबर 2025 को निर्गत विभागीय आदेश में स्पष्ट है प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक (मरनशील संवर्ग) पदस्थापित नहीं होने की स्थिति में प्रधान शिक्षकों को पदस्थापित/ प्राधिकृत किया जाना है. इस आदेश से ऐसा लग रहा है कि अब नियमित शिक्षक पदस्थापन वाले विद्यालय से प्रधान शिक्षकों को हटाया जाएगा तथा ऐसे विद्यालयों की बिहार लोक सेवा आयोग से वर्ष 1994 एवं 1999 में बहाल नियमित सहायक शिक्षक के हाथों कमान होगी.
मदरसा बोर्ड की फोकानिया एवं मौलवी की परीक्षा की तैयारी में जुटा विभाग
परीक्षा 23 से 27 जनवरी तक दो पाली में
दरभंगा. मदरसा बोर्ड की फोकानिया एवं मौलवी की परीक्षा 23 से 27 जनवरी तक दो पाली में आयोजित है. फोकानिया की परीक्षा में शामिल होने वाले लगभग 3571 एवं मौलवी परीक्षा में शामिल होने वाले लगभग 1594 परीक्षार्थियों के लिए कुल 12 केंद्र बनाए गए हैं. परीक्षा प्रथम पाली में सुबह 9.45 से दोपहर 01 बजे तक एवं दूसरी पाली दोपहर 1.45 बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित है. दोनों परीक्षा के लिए नगर निगम क्षेत्र में आठ, बेनीपुर एवं बिरौल क्षेत्र में दो -दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.
सदर अनुमंडल में फोकानिया परीक्षा में लगभग 2700 परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई है. बेनीपुर अनुमंडल एवं बिरौल अनुमंडल में लगभग 371 परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था है. जबकि मौलवी परीक्षा के लिए सदर अनुमंडल में लगभग 1105, बेनीपुर अनुमंडल में लगभग 245 एवं बिरौल अनुमंडल में लगभग 244 परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई है. डीइओ स्तर से जारी पत्र के अनुसार एमएल एकेडमी परिसर स्थित परीक्षा केंद्र से सभी स्कूल प्रधान को पंजीयन पत्र एवं प्रवेश पत्र उपलब्ध करा दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
