कचरा के ढेर में दबता जा रहा है बेनीपुर नगर परिषद का ड्रीम प्रोजेक्ट कचरा प्रोसेसिंग
नगर परिषद का ड्रीम प्रोजेक्ट कचरा प्रोसेसिंग कचरा के ढेर में दबता जा रहा है.
बेनीपुर.नगर परिषद का ड्रीम प्रोजेक्ट कचरा प्रोसेसिंग कचरा के ढेर में दबता जा रहा है. लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद पांच साल में कचरा प्रोसेसिंग का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका. मालूम हो कि पांच साल पूर्व स्वच्छ बेनीपुर-सुंदर बेनीपुर की परिकल्पना के साथ इस योजना का शुभारंभ किया गया था. इसके तहत नगर के 29 वार्डों से संग्रहित गीले व सूखे कचरे का प्रोसेसिंग कर वर्मी कंपोस्ट बनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन नगर की सफाई योजना सहित सरकार की यह ड्रीम प्रोजेक्ट योजना नगर के अधिकारी व कर्मियों का चारागाह बनकर रह गया है. इसके नाम पर नगर परिषद द्वारा कुथना चौर के मुख्य सड़क किनारे सरकारी भूमि चयनित कर कचरा प्रोसेसिंग प्लांट बनाने का काम पांच वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया, जो आजतक पूरा नहीं हो सका है. वहीं प्लांट स्थापना के नाम पर लाखों की खरीदी गयी मशीन जंग की भेंट चढ़ रही है. कचरा प्रोसेसिंग भवन भी क्षतिग्रस्त होकर कचरे में तब्दील होता जा रहा है. कचरा संग्रह के नाम पर स्थल पर कचरा डंपिंग का काम प्रारंभ कर दिया गया, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. फेंके गये कचरे की ढेर में महीनों पूर्व किसी ने आगा लगा दी. आग लगने पर उससे निकल रही धुएं व उठ रही दुर्गंध से क्षेत्र के लोग परेशान हो रहे हैं. ज्ञात हो कि नगर परिषद के गीले व सूखे कचरे को प्रोसेसिंग कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने की योजना के साथ नगर प्रशासन ने गत पांच वर्ष पूर्व बहेड़ा-हावीडीह मुख्य मार्ग स्थित सरकारी भूमि चिन्हित कर प्रोसेसिंग के लिए कार्य प्रारंभ किया. लगभग 14 लाख की लागत से वर्ष 2019 में प्लांट तैयार कर गीले व सूखे कचरा प्रोसेसिंग के लिए 20 हाउज के साथ कर्मियों के आवास का निर्माण किया गया. ट्रांसफार्मर लगा. विद्युतीकरण की गयी. लाखों की लागत से मशीन की भी खरीदारी की गयी. इन सारी प्रक्रिया का एक पंचवर्षीय बीत जाने के बावजूद सरकार के इस ड्रीम परियोजना पर ग्रहण सा लगा हुआ है. नगर प्रशासन की उदासीनता के कारण बने भवन व हाउज भी अब क्षतिग्रस्त हो गये हैं. प्रोसेसिंग के नाम पर सड़क के किनारे नगर परिषद के 29 वार्डों के गिले व सूखे कचरे को बहेड़ा-हावीडीह मुख्य सड़क के कुथना चौर में गिराकर ढेर लगा दिया जाता है. कभी-कभी लोगों द्वारा उसमें आग लगा दिए जाने के कारण उससे निकलने वाली धुंएं से लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. स्थानीय मुनिद्र प्रसाद यादव, उमाकांत यादव, बबलू यादव, राम उदगार यादव, सज्जन पासवान, बिहारी पासवान आदि ने बताया कि नगर परिषद द्वारा वर्षों से इस मुख्य सड़क के किनारे कचरा जमा कर इसमें आग लगा दी जाती है. इससे अनवरत दूषिति धुआं निकलता रहता है. इसे लेकर कई बार नगर प्रशासन को लिखा गया, लेकिन कोई अमल नहीं की जा रही है. बताया कि कचरा से वर्मी कंपोस्ट जैसे खाद निर्माण के प्रस्ताव से किसानों में खुशी की लहर थी. किसानों में आस जगी थी कि अब स्थानीय स्तर पर सस्ते दर पर कचरा से बने जैविक खाद उपलब्ध होंगे, लेकिन नगर प्रशासन ने किसानों के उस आस पर भी पानी फेर रहा है. खाद तो उपलब्ध हुआ नहीं, बदले में वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में पूछने पर कार्पालक पदाधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि कचरा प्रोसेसिंग का सारा काम पूरा है. कुछ यंत्र के अभाव में प्रारंभ नहीं किया जा रहा है. इसकी खरीदारी के लिए प्रक्रिया जारी है. वैसे स्थानीय लोगों को नगर प्रशासन द्वारा रखे गए कचरे से कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए सफाई सुपरवाइजर व कर्मी को सख्त निर्देश दिया गया है.
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