Darbhanga News: देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था की मजबूती व निरपेक्षता के लिए प्रेस की स्वतंत्रता बेहद जरूरी

Darbhanga News:कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था की मजबूती व निरपेक्षता के लिए प्रेस की स्वतंत्रता बेहद जरूरी है.

By PRABHAT KUMAR | November 17, 2025 10:01 PM

Darbhanga News: दरभंगा. राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था की मजबूती व निरपेक्षता के लिए प्रेस की स्वतंत्रता बेहद जरूरी है. सत्य, संतुलन और शुचिता पत्रकारिता की आत्मा है. इसे जीवंत रखते हुए पत्रकारों को हर समय तलवार की धार पर चलना पड़ता है. यह कार्य कठिन है, लेकिन अपने यहां प्रमाणिकता पत्रकारिता का मूल धर्म रहा है. कहा कि मुद्दा विशेष पर पक्ष विपक्ष होता है, आगे भी होगा, लेकिन मीडिया ट्रायल से बचना चाहिए. अन्यथा कई मामलों में हकीकत से भिन्न अवधारणाएं पनपने की गुंजाइश रहती है. इसी तरह जाति, धर्म व खासकर देश हित के मुद्दे पर प्रेस को समाज के समक्ष नरेटिव गढ़ने की प्रवृति से भी बचना होगा.

जागरूकता जरूरी, लेकिन आतुरता से नहीं

कुलपति ने कहा कि जागरूकता जरूरी है, लेकिन आतुरता से नहीं. विवेकपूर्ण विचारों के साथ सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रेस को अपनी भूमिका निभानी होगी. कहा कि किसी भी खबर व सूचना के प्रसारण से पूर्व पत्रकारों को मानवता हित को सर्वोपरि रखना होगा.

चौथा स्तम्भ मजबूत होगा, तो प्रजातंत्र मजबूत होगा- प्रो. दिलीप

धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा ने कहा कि स्वतंत्र देश में स्वतंत्र प्रेस व पत्रकारिता जरूरी है. चौथा स्तम्भ मजबूत होगा, तो प्रजातंत्र मजबूत होगा. छात्रों को भाषा-ज्ञान के लिए प्रतिदिन समाचार-पत्र पढ़ने की सलाह दी. अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो. पुरेंद्र बारिक ने कहा कि सकारात्मक समाचारों को जन-जन तक पहुंचाना पत्रकारिता की सार्थकता है. ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा ने पत्रकारिता की परिभाषा एवं इसकी सामाजिक भूमिका पर विचार रखा. सम्मानित किये गये पीआरओ निशिकांतमाैके पर विश्वविद्यालय के पीआरओ निशिकांत को सम्मानित किया गया. उन्होंने प्रेस दिवस की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया. इससे पहले समारोह का शुभारंभ पद्मनाभ और विश्वमोहन के वैदिक मंगलाचरण से तथा रचना के लौकिक मंगलाचरण से हुआ. छात्र सावन ने एनएसएस गीत प्रस्तुत किया. डॉ रितेश कुमार चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम में डॉ सुधीर कुमार, डॉ साधना शर्मा, डॉ एल. सविता आर्या, डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री, डॉ वरुण कुमार झा, डॉ राम निहोरा राय, डॉ अवधेश कुमार श्रोत्रिय, डॉ संतोष कुमार तिवारी, डॉ संतोष कुमार पासवान, डॉ माया आदि मौजूद रहे.

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