Darbhanga News: दादा की गोद में मां का वात्सल्य भी पा रहा दो साल का आयुष

Darbhanga News:आयुष की उम्र अभी महज दो वर्ष है. उसे दुनियादारी का कोई ज्ञान नहीं है. मां का आंचल क्या होता है, इसने नहीं जाना.

By PRABHAT KUMAR | October 28, 2025 10:05 PM

Darbhanga News: विजय कुमार गुप्ता, केवटी. आयुष की उम्र अभी महज दो वर्ष है. उसे दुनियादारी का कोई ज्ञान नहीं है. मां का आंचल क्या होता है, इसने नहीं जाना. अपने दादा की गोद में ही वह दादा का स्नेह पाता है, तो साथ मां के वात्सल्य की मिठास भी लेता है. दादा बिकाउ सहनी अपने दुलार से उसे मां की कमी महसूस नहीं होने देने का भरसक जतन करते हैं. शायद यह अपने पोते के प्रति उनका अगाध प्रेम ही है, जिसने डेगची में बैठाकर छठ घाटों की सैर के लिए उन्हें घर से बाहर खींच लाया. आज से दो वर्ष पूर्व महज नौ दिन की अवस्था में आयुष की मां की मौत एक दुर्घटना हो गई थी. आयुष सहनी को मां के स्नेह व वात्सल्य की अनुभूति नहीं हो सकी. मां का आंचल छिन जायेगा भला उसे क्या पता था. केवटी निवासी बिकाऊ सहनी के पौत्र एवं रामनाथ सहनी के पुत्र दो वर्षीय आयुष के पिता रामनाथ सहनी जीविका के लिये सुबह से रात तक घर से बाहर रहते हैं, लेकिन दादा बिकाऊ सहनी अपने पोते आयुष सहनी को मां का स्नेह व वात्सल्य की कमी की भरपाई कर रहे हैं. दिन रात बच्चे की सेवा, देखरेख में जुटे रहते हैं. छठ के अवसर पर भी मां की तरह ही दादा बिकाऊ सहनी ने साइकिल के पीछे कैरियर पर लदे तसला में रखकर अपने पौते को मुख्यालय के समीप रामेश्वर नाथ महादेव मंदिर रनवे तालाब के छठ घाट सहित विभिन्न छठ घाट का भ्रमण कराया. रौना माइ से पोते के लिए आशीर्वाद मांगा. छठ घाट पर बच्चे को देखकर श्रद्धालुओं के मुंह से बरबस निकल गया ””””भले ही भगवान ने आयुष के सिर से मां का आंचल दूर कर दिया, लेकिन दादा बिकाऊ के रूप में मां का वात्सल्य दिया. सभी उस दादा के कर्तव्य को सराहा रहे थे कहते नहीं थक रहे थे कि एक दिन यही पोता इनको पार लगायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है