Darbhanga News: शहर के तीन जगहों पर साइबर अपराध का खोला जा रहा था केंद्र

Darbhanga News:राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) द्वारा पिछले दिनों जिले में साइबर नेटवर्क का खुलासा किया गया था.

By PRABHAT KUMAR | November 17, 2025 10:10 PM

Darbhanga News: दरभंगा. राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) द्वारा पिछले दिनों जिले में साइबर नेटवर्क का खुलासा किया गया था. बहेड़ी प्रखंड के बलहा गांव निवासी रोशन ने जिले में तीन स्टूडियो स्थापित कर रखा था, जो उच्च-स्तरीय संचार प्रणालियों से लैस था. ये केंद्र लक्ष्मीसागर में जेपी चौक के पास, मिर्जापुर और मदारपुर में था. रोशन पहले मुंबई में ऑर्केस्ट्रा और बार सिंगर के तौर पर काम करता था. दो साल से ज्यादा समय से केके पार्क नामक साइबर नेटवर्क का हिस्सा था. एजेंसी सूत्रों ने बताया कि तीसरे आरोपी, हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी बॉबी कल्याण को भी दरभंगा से ही गिरफ्तार किया गया. डीआरआइ और बिहार पुलिस की छापेमारी में लक्ष्मीसागर तथा मदारपुर से अत्याधुनिक संचार उपकरण बरामद किये गये थे. आरोपियों ने लोगों को मुफ्त सिम कार्ड, असीमित अवधि के लिए असीमित डेटा, मुफ्त पावर बैंक और हेयर ट्रिमर का लालच दिया. इन लोगों ने विभिन्न सेवा प्रदाताओं से कई सिम कार्ड खरीदे, जिनका इस्तेमाल बाद में साइबर धोखाधड़ी में किया गया.

थाइलैंड से भेजी गई दो पार्सलों से खुला राज

डीआरआइ की पटना इकाई ने थाईलैंड से भेजी गई दो पार्सल की जांच की. “पावर एम्पलीफायर” के रूप में सूचीबद्ध ये पार्सल नई दिल्ली और कोलकाता में प्राप्त हुए थे. दोनों दरभंगा जिले के भौआर गांव के बिट्टू के पते पर थे, जो रोशन का करीबी सहयोगी बताया गया है. जांच के दौरान एजेंसी ने सात व्यक्तियों की पहचान की, जिनमें विजय, ऋषि कुमार और रितेश कुमार शामिल हैं. सभी बहेड़ा थाना के हावी भौआर गांव के निवासी हैं. अभिषेक कुमार ठाकुर और मनीष कुमार घनश्यामपुर थाना के कोर्थू गांव का निवासी है. निर्मला कुलपति जो रोशन की पत्नी है वह महाराष्ट्र के मालेगांव की मूल निवासी है.

बिट्टू के बयान पर रोशन तक पहुंची पुलिस

एजेंसी के सूत्रों की माने तो 31 अक्तूबर को डीआरआइ ने जाल बिछाया और बिट्टू को माल उठाते हुए गिरफ्तार कर लिया. पार्सल में पांच वीओआइपी डिवाइस, चार 32-सिम स्लॉट यूनिट और एक 256-सिम स्लॉट यूनिट मिला जिन पर मेड इन चाइना लिखा था. कोलकाता वाले पार्सल में भी ऐसा ही एक सेट था. एजेंसी ने दोनों पार्सल कर लिया. पूछताछ के दौरान बिट्टू ने खुलासा किया कि पार्सल रोशन ने मंगाया था, बाद में एजेंसी ने मास्टरमाइंड रोशन को गिरफ्तार कर लिया.

डिजिटल एरेस्ट, जुआ और सेक्सटॉर्शन

जानकारी के अनुसार डीआरआइ द्वारा जब्त वीओआइपी उपकरण साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए हाई-टेक स्पूफिंग सेंटर या स्टूडियो स्थापित करने के लिए था. चालू होने के बाद, इन्हें केके पार्क में बैठे चीनी संचालकों द्वारा वहीं से नियंत्रित किया जाना था. दरभंगा में चौथा स्पूफिंग केंद्र स्थापित करने की फिराक में सभी थे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जांच में पता चला है कि नई दिल्ली के जनकपुरी में भी ऐसा ही एक स्पूफिंग केंद्र स्थापित किया था. रोशन मुंबई में अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के संपर्क में आया. एजेंसी सूत्रों के अनुसार डिजिटल एरेस्ट, जुआ घोटालों और सेक्सटॉर्शन से जुड़े अपराध में ये सभी शामिल थे.

साइबर थाने में इन धाराओं में मामला दर्ज

दरभंगा के साइबर थाने में थाना कांड संख्या 72/25 भारतीय दंड संहिता की धारा 111(12), 111(3), 318(4), 319(2), 336(3), 337, 338, 339, 340(20) और 3(5) के साथ-साथ आइटी एक्ट की धारा 66(सी) और 66(डी) के तहत इसे लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच कर रही है.

साइबर डीएसपी सह थानाध्यक्ष, दरभंगा ने बताया कि रोशन झा मुंबई में पहले सिम बेचता था. बाद में दरभंगा आकर भी सीम बेचने लगा. इसके बाद साइबर अपराध करने लगा. उसके पास से जो तीन बॉक्स बरामद हुआ था, उससे एक साथ 264 सिम काम करता था. दरभंगा से तीन उस तरह के बॉक्स तीन जगह से बरामद किए गए हैं.

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