Darbhanga News: जिले के विशिष्ट व टीआरई तीन के 2529 शिक्षकों को मई व जून का वेतन नहीं
Darbhanga News:विभाग जितना भी प्रयास कर ले, किंतु शिक्षकों वेतन भुगतान समय पर होने का नाम नहीं ले रहा है.
Darbhanga News: दरभंगा. विभाग जितना भी प्रयास कर ले, किंतु शिक्षकों वेतन भुगतान समय पर होने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश स्तर पर 25 जुलाई को जारी जिलावार आंकड़ा में विशिष्ट शिक्षकों एवं टीआरइ थ्री के तहत बहाल शिक्षकों का मई एवं जून 2025 का वेतन भुगतान अब तक नहीं हो सका है, जबकि जुलाई के भुगतान का अब समय आ गया है. आंकड़ों के मुताबिक इस दोनों कोटि के शिक्षकों में दरभंगा जिले में 3036 शिक्षकों का सफलतापूर्वक काउंसलिंग संपन्न कराया गया था. इसमें 2529 शिक्षकों का टेक्निकल ज्वाइनिंग किया गया. इसमें से मात्र 402 शिक्षकों का एचआरएमएस ऑन बोर्डिंग अब तक हुआ है, किंतु अब तक किसी भी शिक्षक का मई एवं जून का वेतन भुगतान नहीं हो सका है. हालांकि यह स्थिति प्रदेश के कई जिलों की है, किंतु अब कई जिले ऐसे भी है जिनका वेतन भुगतान का उपलब्धि स्तर अच्छा है. इसमें औरंगाबाद जिले के सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान कर दिया गया है. भोजपुर में 99, बांका में 98, अरवल में 94, कटिहार में 89, मुंगेर में 72 एवं अररिया में 69 प्रतिशत शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जा चुका है. दूसरी ओर दरभंगा सहित पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, किशनगंज, खगड़िया, मधुबनी, नालंदा, नवादा, पटना, शिवहर, वैशाली, सुपौल, सिवान जिला के किसी भी शिक्षक का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. आवंटन के बावजूद शिक्षकों का वेतन भुगतान समय पर नहीं होना एक दुर्भाग्य स्थिति मानी जा सकती है.
एचआरएमएस ऑन बोर्डिंग के कारण नवनियुक्त शिक्षकों का अब तक नहीं हो सका वेतन भुगतान
वेतन भुगतान की नई प्रक्रिया में एचआरएमएस ऑन बोर्डिंग आवश्यक है. यह प्रक्रिया जिला स्तर पर स्थापना कार्यालय के द्वारा पूरी की जानी है. इसके लिए संबंधित शिक्षकों का प्राण जनरेशन के साथ-साथ कई अभिलेखों की जरूरत पड़ती है. इस प्रक्रिया को कैंप लगाकर नहीं करने के कारण अनावश्यक देरी हो जाती है. इस कारण से वेतन भुगतान प्रभावित हो जाता है. जानकारों की माने तो इस प्रक्रिया को अभियान चला कर किया जाना आवश्यक है. अन्यथा कुछ शिक्षकों के कारण एचआरएमएस ऑन बोर्डिंग वाले शिक्षक को भी वेतन भुगतान से वंचित रहना पड़ रहा है. हालांकि कई मामलों में कार्यालय में भी इसमें शिथिलता बरती जाती है तथा उनका अभिलेख मिलने के बावजूद एचआरएमएस ऑन बोर्डिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन संपन्न नहीं कराया जाता है. कई शिक्षक नेता तो दबी जुबान कहते हैं इसके पूर्व एक कड़क अधिकारी के दर से इस प्रक्रिया को एक सप्ताह के अंदर ही संपन्न कर लिया जाता था, किंतु वर्तमान स्थिति में इसमें महीनों लग जाते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
