Christmas 2023: क्रिसमस पर बाजारों की बढ़ी रौनक, जानिए बिहार के सबसे पुराने चर्च का इतिहास

Christmas 2023: बिहार में क्रिसमस के कारण बाजार में रौनक है. लोग तरह- तरह के सामान अपने घर को सजाने के लिए खरीद रहे हैं. वहीं, पटना में बिहार का सबसे पुराना चर्च स्थित है.

By Sakshi Shiva | December 25, 2023 9:22 AM

Christmas 2023: बिहार में क्रिसमस की धूम देखने को मिल रही है. गिरजाघर में प्रार्थना का आयोजन किया जा रहा है. बाजारों में भी रौनक है. कई सामानों से बाजार सजा हुआ है. सांता क्लॉज की अलग- अलग तरह की ड्रेस मिल रही है. वहीं, कई स्कूलों में भी इस मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. आकर्षक कपड़ों के साथ हेयर बैंड से भी बाजार सजा हुआ है. ट्री भी बाजारों में बिक रहे हैं. ईसाई समुदाय के लोग अपने घरों को भव्य तरीके से सजाते है. इस कारण उनके घरों को सजाने के लिए आकर्षक नए- नए डिजाइन की चीजें बाजारों में उपलब्ध है. वहीं, बता दें कि बिहार का सबसे पुराना चर्च राजधानी पटना में स्थित है.

अंग्रेजों ने की थी चर्च की स्थापना

राजधानी पटना में राज्य का सबसे पुराना चर्च है. इसे पादरी की हवेली के नाम से जाना जाता है. पटना सिटी में इस चर्च की स्थापना की गई थी. जानकारी के अनुसार अंग्रेजों ने इस चर्च की स्थापना की थी. आज भी बड़ी संख्या में लोग क्रिसमस के मौके पर इस चर्च में पहुंचते हैं. ईसाई समुदाय के लिए इस चर्च को बनाया गया था. भारत में उस दौर में मुगल का शासन था. लेकिन, अंग्रेज यहां व्यपार करने के लिए आए थे. इसी क्रम में चर्च को बनवाया गया था. इसमें उस जमाने में भी ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस के त्योहार को मनाते थे. आज भी इस त्योहार को यहां मनाया जाता है.

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युद्ध में चर्च की इमारत को हुआ था नुकसान

इस चर्च की इमारत काफी सुंदर है. यहां के पिलर मोटे और लंबे है. यह अंग्रेजों की कला की एक पहचान है. बताया जाता है कि कोलकाता से आए कारीगर ने इस चर्च का की आकृति को तैयार किया था. उनकी ओर से यहां बेहतरीन कारीगरी की गई थी. वहीं, मीर कासीम के साथ युद्ध में इस चर्च की इमारत को नुकसान भी पहुंचा था. लेकिन, यहां के इमारत की लकड़ी से दरवाजे, खिड़कियां साथ ही अन्य कारीगरी अभी भी काफी सुरक्षित है. वहीं, इस चर्च में एक घंटा है. यह आकर्षण का केंद्र भी है. दूसरी ओर कभी मर टेरेसा भी इस चर्च में आई थी. इसलिए यह इस चर्च को और खास भी बनाता है.

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मदर टेरेसा पहुंची थी चर्च

कहा जाता है कि मदर टेरेसा पादरी की हवेली में तीन महीने के लिए रूकी थी. वह यहां किसी खास ट्रेनिंग के लिए आई थी. दरअसल, उन्होंने मरीजों की सेवा की ट्रेनिंग ली थी. आज पूरे राज्य में क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है. ऐसे में यहां लोगों का महाजुटान होता है. श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ पड़ती है. बता दें कि त्योहार के मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोगों को शुभकामनाएं दी है. साथ ही कामना की है कि राज्य में सुख, शांति और समृद्धि सदा बनी रही. सीएम ने कहा है कि प्रभु यीशु मसीह का संदेश त्याग, शांति, प्रेम एवं करूणा का है. यह पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए है.

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चर्च की हुई भव्य सजावट

क्रिसमस के मौके पर राज्य में अलग – अलग कैथोलिक चर्च में भव्य तरीके से सजावट की गई है. चर्च की साफ- सफाई की गई है. साथ ही रंग रोगन भी किया गया है. रंग- बिरंगे झालर और एलईडी बल्बों से सजाया गया है. प्रभु यीशु के आगमन के लिए चर्च में गौशाला का निर्माण भी हुआ है. मान्यता के अनुसार रविवार की रात प्रभु यीशु मनुष्य बनकर इस धरती पर आए है. साथ ही उन्होंने प्रेम खुशी और मानवता का संदेश दिया. कहते है कि ईशु मनुष्य को मुक्ति दिलाने के लिए इस धरती पर आए थे. क्रिसमस के अवसर पर चर्च से इस संदेश को दिया जाता है.

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