बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगी गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
Gorakhpur-Siliguri Greenfield Expressway: गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे परियोजना को फिर गति मिल गई है. चुनाव के बाद प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण और निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया तेज कर दी है. छह लेन का यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे आठ जिलों से गुजरेगा. आइये इस प्रोजेक्ट के बारे में जानते हैं.
Gorakhpur-Siliguri Greenfield Expressway: बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी है. चुनाव खत्म होते ही गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे ग्रीनफील्ड परियोजना के काम में तेजी आई है. इस प्रोजेक्ट को सही टाइम पर पूरा करने के लिए प्रशासन पूरी ताकत के साथ जुट गई है. छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे मोतिहारी के आठ अंचलों और 56 गांवों से होकर निकलेगा. इस एक्सप्रेस-वे के लिए गंडक नदी पर एक बड़े पुल का निर्माण भी होना है.
यह एक्सप्रेस-वे बिहार के पहाड़पुर से प्रवेश करेगा और कई अंचलों से गुजरते हुए शिवहर की सीमा में पहुंचेगा. भूमि अधिग्रहण के लिए रिक्विजिशन मिलने के बाद पूर्वी चंपारण में करीब 491.12 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया पर जोर दिया जा रहा है.
यह सड़क पूरी तरह ग्रीनफील्ड क्षेत्र में बनाई जा रही है, इसलिए आबादी वाले इलाकों में कम दखल होगा और जमीन हासिल करने में अधिक दिक्कत नहीं आएगी.एक्सप्रेस-वे बनने से आसपास के क्षेत्रों में विकास की रफ्तार बढ़ेगी, स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे.
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने क्या कहा
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि चुनाव के कारण काम की गति धीमी हो गई थी, लेकिन अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है. पांच सदस्यीय समिति निरीक्षण और बैठक के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी.
व्यापार और सफर दोनों होंगे आसान
इस हाईवे के बन जाने से गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच की दूरी में काफी कमी आएगी. यात्रा समय घटेगा, परिवहन आसान होगा और व्यापार की संभावनाएं बढ़ेंगी. इसके अलावा केंद्र सरकार की इंडस्ट्रियल कॉरिडोर योजना के साथ यह रूट क्षेत्रीय विकास का बड़ा आधार बनेगा. एक्सप्रेस-वे के पास बनने वाले उद्योगों से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ने की भी उम्मीद है.
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आठ जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
यह परियोजना बिहार के आठ प्रमुख जिलों- पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर गुजरेगी. यह 39 प्रखंडों और 313 गांवों को जोड़ते हुए लगभग 520 किलोमीटर लंबा होगा. इस पूरे निर्माण कार्य पर करीब 32000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, और एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की गति 120 किमी प्रति घंटा तक रखी जाएगी.
