प्रभु यीशु के जन्म होते ही कैरोल गीतों से आबाद हुए चर्च

चुप है चंदा चुप हैं तारे, यीशु राजा आया जगत में खुशहाली लाया..., सुन लो मेरे भाइयों मसीहा मेरा दुनिया में आया…आदि कैरोल गीत गूंजने लगे.

By AMLESH PRASAD | December 24, 2025 10:05 PM

बक्सर. चुप है चंदा चुप हैं तारे, यीशु राजा आया जगत में खुशहाली लाया…, सुन लो मेरे भाइयों मसीहा मेरा दुनिया में आया…आदि कैरोल गीत गूंजने लगे. चर्च की घंटियां टनटनाने लगीं तथा मसीही अनुयायी खुशी से झूमने लगे. जिले भर के चर्चों में यह नजारा बुधवार की रात देखी गयी. मौका था क्रिसमस के अवसर पर प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का. रात को चर्च में बने आकर्षक चरनी में प्रभु यीशु का जन्म होते ही मसीही श्रद्धालु थिरकने लगे तथा कैरोल गीत गाकर खुशी का इजहार करने लगे. इस अवसर पर चर्चों को रंग-बिरंगी इलेक्ट्रॉनिक झालरों से सजाया गया था, जिनकी सतरंगी छटा देखते ही बन रही थी. प्रभु यीशु की जन्मोत्सव को लेकर गिरजाघरों में लोगों की भीड़ शाम से ही जुटने लगी थी. प्रभु यीशु के जन्म होते ही अनुयायी एक दूसरे से गले मिलने लगे और बधाई देने लगे. जन्म पर पूरी की गई मिस्सा बलिदान की रस्म : शहर के नयी बाजार स्थित महागिरजाघर के पुरोहित फादर आनंद द्वारा मिस्सा बलिदान की रस्म पूरी की गयी. इस विधि में यीशु के जन्म को दर्शाते हुए बालक यीशु की मूर्ति एवं चरनी पर आशीष दी गयी. चरनी एवं बालक यीशु की मूर्ति पर लोबान का धूप दिखाया गया. उनके जन्म के स्थान तक तीन राजाओं को मार्गदर्शन करने वाले तारा स्वरूप हाथ में मोमबत्तियां लेकर उसके प्रकाश में चरनी में यीशु का स्वागत किया गया और जन्म से जुड़ी बातों का उल्लेख किया गया. प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में कैरोल गीत गाये गये. परंपरागत विधि के इस रस्म के आखिर में सांता क्लॉज के साथ श्रद्धा के साथ लोग नृत्य किये. इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप केक वितरित किये गये. मन मोह रही थी आकर्षक झांकी : चर्च में गोशाला की सजी आकर्षक झांकी मन मोह रही थी. झांकी में चरनी, भेड़, बकरी व गड़रिये के प्रतिक दर्शाये गये थे. क्योंकि, प्रभु यीशु का जन्म गोशाला में हुआ था. तारे द्वारा यीशु के धरती पर आगमन की सूचना दी गयी थी, सो क्रिसमस पर तारे का विशेष महत्व होता है. बाजार में केक की जमकर हुई खरीदारी : क्रिसमस को लेकर बाजार गुलजार रहे. केक की दुकानों पर पूरे दिन भीड़ लगी रहीं. एक साल में आने वाले इस अवसर को भुनाने के लिए दुकानदार भी विभिन्न तरह के केक मंगाए हुए थे. अलग-अलग रंगों में महंगे से लेकर सस्ते केक से दुकानें सजी हुई थीं. हालांकि ब्रांडेड केक की मांग थी, जबकि स्थानीय बेकरी निर्मित केक का डिमांड ज्यादा था.

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