कृष्णाब्रह्म बाजार का मुख्य चौक पर जलजमाव, दुकानदार और राहगीर परेशान

डुमरांव प्रखंड क्षेत्र के कृष्णाब्रह्म बाजार न सिर्फ स्थानीय बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बेहद अहम बाजार माना जाता है.

By AMLESH PRASAD | September 10, 2025 10:24 PM

डुमरांव. डुमरांव प्रखंड क्षेत्र के कृष्णाब्रह्म बाजार न सिर्फ स्थानीय बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बेहद अहम बाजार माना जाता है. यह बाजार अपनी चहल-पहल और हर जरूरत के सामानों की उपलब्धता के लिए मशहूर है. धरहरा, चौकियां, नुआंव, कठार सहित दर्जनों गांवों के लोग अपने रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने इसी बाजार का रुख करते है. यही नहीं, टुडीगंज रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग इसी सड़क और मुख्य चौक से होकर गुजरते है. लेकिन इन दिनों यह चहल-पहल का केंद्र एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है.

बारिश के बाद सड़क तालाब में तब्दील : हाल ही में हुई बारिश के बाद कृष्णाब्रह्म बाजार का मुख्य चौक पानी में डूब गया. यहां जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण हल्की बरसात के बाद ही चौक तालाब जैसा दृश्य पेश करता है. पानी कई दिनों तक जमा रहता है जिससे न केवल आने-जाने वाले लोगों को परेशानी होती है बल्कि दुकानदारों की आर्थिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित हो जाती है. स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि पानी भर जाने से ग्राहकों की संख्या अचानक घट जाती है. खरीदार पैदल चलकर दुकान तक नहीं पहुंच पाते, वहीं जो लोग दोपहिया या चारपहिया से आते हैं, उन्हें भी गाड़ी खड़ी करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो पानी में गिरकर लोग घायल भी हो जाते है.

राहगीरों और खरीदारों की परेशानी : इस बाजार से होकर रोज़ाना सैकड़ों लोग टुडीगंज स्टेशन जाते हैं. रेलवे स्टेशन जाने का यह मुख्य रास्ता है, लेकिन चौक पर पानी भर जाने से यात्री मजबूर होकर कीचड से गुजरते हैं. धरहरा गांव के एक किसान राजकुमार बताते हैं कि हम रोज इसी रास्ते से बाजार होते हुए स्टेशन जाते है. चौक पर इतना पानी भर जाता है कि पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है. गंदा पानी कपड़ों में लग जाता है, कभी-कभी जूते-चप्पल भी बह जाते हैं. महिलाओं और स्कूली बच्चों के लिए तो स्थिति और भी दयनीय है. पानी में फिसलकर कई बार लोग गिर जाते है. दुकानों के सामने गंदगी जमा रहने से बदबू फैलती है और खरीदारों का मनोबल टूट जाता है.

स्वास्थ्य पर मंडराता खतरा : सिर्फ असुविधा ही नहीं, जलजमाव से स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है. ठहरे हुए पानी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है. आसपास के लोग डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों के डर से सहमे हुए हैं. दुकानदार और ग्राहक दोनों ही अस्वस्थ वातावरण में खरीददारी करने को मजबूर हैं. चौक पर सब्जी और खाने-पीने की कई दुकानें हैं. जब पानी लंबे समय तक जमा रहता है तो गंदगी मिलकर खाद्य सामग्री को भी असुरक्षित बना देती है. यह न सिर्फ व्यापारियों के लिए घाटे का सौदा है बल्कि आमजन के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा है.

दुकानदारों की नाराजगी : बाजार के दुकानदार साहिल प्रसाद, गोल्डेन प्रसाद, विकास कुमार का कहना है कि वे सालों से इस समस्या को झेल रहे हैं लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया. बरसात आते ही उनका व्यापार आधा रह जाता है. कुछ दुकानदार मजबूर होकर दुकान बंद भी कर देते हैं. दुकानदार कहते है हमारा धंधा बरसात में आधा चौपट हो जाता है. ग्राहक आते ही नहीं. पानी इतना भर जाता है कि लोग खरीदारी करने से पहले ही लौट जाते हैं.

बाजार की अहमियत के बावजूद उपेक्षा : कृष्णाब्रह्म बाजार सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यहां सैकड़ों दुकानदार अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं. आसपास के गांवों के लोग सब्जी, अनाज, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सामान से लेकर दवाइयां तक इसी बाजार से खरीदते हैं. इसके बावजूद इस इलाके की उपेक्षा से लोग आक्रोशित है.

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