Buxar News: कल से शुरू हो रहा है रोहिणी नक्षत्र, किसान मानसून आने का कर रहे इंतजार

रोहिणी नक्षत्र का 24 मई यानी कल से शुरू होने वाला है. इस नक्षत्र आगमन के पूर्व इलाके के किसान अपने खेती की तैयारी में जुटने लगे हैं

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | May 22, 2025 5:07 PM

डुमरांव .

रोहिणी नक्षत्र का 24 मई यानी कल से शुरू होने वाला है. इस नक्षत्र आगमन के पूर्व इलाके के किसान अपने खेती की तैयारी में जुटने लगे हैं. इसको लेकर किसानों के बीच मानसून आने का बेसब्री से इंतजार होने लगा है. इस बाबत प्रसिद्ध पंडित कमलेश पाठक ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र का आगमन 24 मई दिन शनिवार को दिन में 2 बजकर 6 मिनट से प्रारंभ होगा. वहीं इलाके के किसानों के बीच रोहिणी नक्षत्र के आगमन के पूर्व कोरानसराय-डुमरांव रजवाहा तथा सिकरौल-डुमरांव रजवाहा में पानी आने को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है.किसान मोहन तिवारी, वीरेंद्र सिंह मौर्य, धर्मेंद्र पांडेय, दुर्गेश तिवारी, सुरेंद्र सिंह, दयाशंकर तिवारी सहित अन्य किसानों का कहना है कि हर साल 24 मई से रोहणी नक्षत्र का आगमन होता है. इस नक्षत्र में किसान धान के बिचड़े तैयार करने के लिए सबसे पहले अपने खेतों को तैयार करते हैं और अपने खेतों की जुताई कर पानी की व्यवस्था से खेतों में बीज डालते हैं जहां किसानों को पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन समय से नहरों में पानी नहीं आने के चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों ने कहा कि पता नहीं इस बार भी रोहणी नक्षत्र के दौरान मानसून का साथ और नहर से पानी मिलेगा या नहीं, किसानों ने बताया कि यह नक्षत्र 24 मई से शुरू होकर 15 दिनों तक रहेगा, इस नक्षत्र के दौरान खेत में धान के बिचड़ा डालने पर कीट-मकोड़े का प्रकोप नहीं होता है और धान की फसल बेहतर तैयार होने की उम्मीद रहती है. लोगों ने कहा कि इलाके के अमसारी, अरियांव, मठिला, कोरानसराय, कोपवां, मुगांव, नावाडीह सहित कई जगहों के किसान नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि समय से खेती का काम शुरू हो सके. वहीं किसानों के बीच यह चिंता सता रही है कि समय से पहले नहरों में पानी आयेगा या नहीं, किसानों ने कहा कि हर साल नहर विभाग के द्वारा समय से नहर में पानी छोड़ने की बात कही जाती है. लेकिन समय बीत जाने के बाद नहर में पानी छोड़ा जाता है. जिसके चलते इलाके के किसानों को अपने निजी ट्यूबवेल के सहारे आर्थिक परेशानियों के बीच बिचड़ा डालने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

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