Buxar News : जर्जर भवन में संचालित होता है गंगा ब्रिज पोस्ट

नगर के लोगों को सुरक्षा देने वाले गंगा ब्रिज पोस्ट के जवान व पुलिस अधिकारी खुद ही असुरक्षित हैं. मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. अनियंत्रित ट्रकों एवं बड़े वाहनों का भी खतरा हमेशा मंडरा रहा है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. एक कमरे में रहने वाले जवानों व अधिकारियों को दुर्घटना का भय बना हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 24, 2025 10:58 PM

आशुतोष कुमार सिंह, बक्सर

नगर के लोगों को सुरक्षा देने वाले गंगा ब्रिज पोस्ट के जवान व पुलिस अधिकारी खुद ही असुरक्षित हैं. इसके साथ ही मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित हैं. वहीं, अनियंत्रित ट्रकों एवं बड़े वाहनों का भी खतरा हमेशा मंडरा रहा है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. एक छोटे कमरे में रहने वाले जवानों व अधिकारियों को दुर्घटना का भय बना हुआ है. कभी भी अनहोनी हो सकती है. वहीं गंगा ब्रिज पोस्ट नगर के गोलंबर स्थित एनएच-922 पर स्थित है जो एक छोटे जर्जर कमरे में चल रहा है. इस पोस्ट को सुविधा के नाम पर छोटा सा कमरा मिला हुआ है, जिसमें कार्यालय, शनयकक्ष, भोजनालय एवं शौचालय सभी शामिल है.

इस पोस्ट पर कार्यरत कर्मियों को न तो पानी की व्यवस्था और न ही स्नानागार की. साथ ही सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. कई बार छोटे से लगभग 20 फुट लंबे एवं 10 फुट चौड़े कमरे में रहने वाले सात की संख्या में पुलिस के जवान व अधिकारी वाहनों से होने वाले हादसे से बच गये हैं. जिले के अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है. इसके बावजूद गंगा ब्रिज पोस्ट पर तैनात जवानों की समस्या दूर नहीं हो रही है. पानी के लिए भी एनएचआइ के पीएनसी विभाग पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पानी खत्म होने पर विभाग को सूचना देकर पानी मंगाया जाता है.

एक ही कमरे में भोजनालय व शौचालय

नगर के गोलंबर पर पुलिस की आवश्यकता को देखते हुए गंगा ब्रिज पोस्ट स्थापित किया गया था. जहां वर्तमान में कुल चार जवानों के साथ तीन पुलिस अधिकारी भी तैनात है. उस समय गोलंबर पर कई कमरों के भवन में संचालित था, लेकिन एनएच-922 के बनने के बाद गंगा ब्रिज पोस्ट सिमटकर एक कमरे में सड़क के बीचों बीच कायम हो गया है. कमरा लगभग 20 फीट लंबा एवं 10 फीट चौड़ा है. जो बारिश होने के साथ ही टपकता है. बारिश होने पर तैनात जवान व अधिकारी लोगों की सुरक्षा की बजाय अपनी सुरक्षा में जुट जाते है. छत से पानी टपकने लगता है.

जर्जर भवन में कार्यालय व भोजनालय

गंगा ब्रिज पोस्ट के इस छोटे जर्जर भवन में कार्यालय, शयनकक्ष, भोजनालय के साथ ही शौचालय तक संचालित हो रहा है. वहीं बुनियादी सुविधाओं से महरूम जवान एवं अधिकारी लोगों की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. स्नान उन्हें खुले आकाश के नीचे बीच सड़क पर करना पड़ता है. कैंपस परिसर में एक तिरपाल से घेर कर स्नानागार बनाया गया है जिससे उन्हें असुविधा महसूस हो रही है. लगा चापाकल एवं बोरिंग सड़क निर्माण के दौरान खराब हो गयी है. कई बार मरम्मत करायी गयी, लेकिन पानी कभी भी नहीं निकला. कभी-कभी स्नान करने के दौरान व शौचालय के दौरान ही पानी समाप्त हो जाता है. एनएचएआइ के टैंकर द्वारा मांग करने पर पोस्ट पर लगायी गयी टंकी को भर दिया जाता है.

ट्रकों से दुर्घटना का बना रहता है भय

गंगा ब्रिज पोस्ट एनएच-922 के के बीचों बीच गोलंबर पर स्थित है. पोस्ट पर तैनात जवानों एवं अधिकारियों की मानें तो तीन से चार बार पोस्ट ट्रकों की दुर्घटना से बच गया है. ट्रकों के यांत्रिक दोष से होने वाली दुर्घटना से भय बना रहता है. तीन से चार बार पोस्ट दुर्घटना से बचा है. यूपी से तेज रफ्तार में आ रही ट्रक ने अनियंत्रित होकर पोस्ट में टक्कर मारी थी, जिससे सुरक्षा के लिए सामने बनाया गया बॉर्डर पूरी तरह से धराशायी हो गया था. वहीं अभी कुछ दिन पूर्व ही नगर से यूपी की ओर जाने वाला ट्रक अनियंत्रित होकर पोस्ट के सुरक्षा के लिए बनी बॉर्डर को छूता हुआ सीधे विश्वामित्र विहार होटल में प्रवेश कर गया था जिससे गंगा ब्रिज पोस्ट बड़ा हादसा से बच गया था. इस तरह की समस्या पोस्ट पर कभी भी हो सकती है.

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