Buxar News: नंदन उत्क्रमित कन्या उच्च विद्यालय में दर्जनों भर छात्राएं अचानक पड़ी बीमार
अनुमंडल क्षेत्र के नंदन गांव स्थित उत्क्रमित कन्या उच्च विद्यालय में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गयी.
डुमरांव. अनुमंडल क्षेत्र के नंदन गांव स्थित उत्क्रमित कन्या उच्च विद्यालय में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक साथ दर्जनों से अधिक छात्राएं अचानक बीमार पड़ गिरने लगी. छात्राएं सभी कक्षा नौ की थीं, दर्जनों भर छात्राएं एक-एक कर जमीन पर गिरने लगीं. इस दौरान यह घटना न केवल अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को चिंतित किया, बल्कि पूरे प्रशासन को भी हरकत चिंतित कर दिया है. शनिवार की सुबह करीब 9 बजे विद्यालय में चेतना सत्र चल रहा था, जिसमें विद्यालय के सभी छात्राएं शामिल हुईं. सत्र समाप्त होते ही कई छात्राओं ने पेट दर्द, सिर दर्द और घबराहट की शिकायत करने लगी. कुछ छात्राएं तो मौके पर ही बेहोश होकर गिर गई. अनुमंडल से सदर अस्पताल रेफर शिक्षकों ने तत्काल स्थिति की गंभीरता को देखते हुए छात्राओं के परिवार वालों को सूचना दी एवं गंभीर रूप से बीमार छात्राओं को अनुमंडलीय अस्पताल डुमरांव लाया गया. वहीं, कुछ छात्राओं का इलाज गांव में ही निजी चिकित्सकों द्वारा कराया गया. जिन छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया उनमें नेहा कुमारी, अंजली कुमारी, सुमन कुमारी, सुमंती कुमारी, ज्योति कुमारी के साथ निशा कुमारी शामिल हैं. सभी छात्राएं मानसिक तनाव, तेज सिर दर्द और उल्टी जैसी शिकायते कर रही थीं. चिकित्सकों के सीवियर हेडेक और पेट दर्द से उत्पन्न ये समस्या किसी हाइपरटेंशन की ओर इशारा कर रहे हैं, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण छात्राओं को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है. हैरत में अस्पताल प्रशासन विद्यालय के प्रधानाध्यापक ईश्वर चंद प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि चेतना सत्र होने तक सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन सत्र समाप्त होते ही अचानक छात्राएं एक के बाद एक बीमार होने लगी. शिक्षक नवनीत श्रीवास्तव, रविकांत अतुल्य और सीके पांडेय ने भी इस स्थिति पर हैरानी जताई है. इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को भी गंभीर रूप से चिंता में डाल दिया है. घटना की जानकारी मिलते ही डुमरांव अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती सभी छात्राओं की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल में किसी तरह की इलाज के दौरान कोताही बरतने को लेकर सख्त निर्देश दिए. इस मामला को गंभीरता से देखते हुए उन्हें एक एंबुलेंस चालक की लापरवाही की जानकारी मिली, तो वे बेहद नाराज हुए और तत्काल चालक पर कार्रवाई के निर्देश दिए. चेतना सत्र की जांच जरूरी घटना के बाद स्थानीय प्रशासन अब पूरे मामले की जांच कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग से भी विशेषज्ञों की टीम को बुलाने की बात कही जा रही है, जो यह पता लगाएगी कि छात्राओं के एक साथ बीमार पड़ने की क्या कारण है. वहीं, कुछ शिक्षकों और अभिभावकों ने आशंका जताई कि यह मामला हो सकता है मानसिक दबाव या गर्मी से जुड़ी समस्या का भी हो सकता है. हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है. इस घटना ने ग्रामीण इलाके के स्कूलों में स्वास्थ्य जांच और प्राथमिक चिकित्सा की अनिवार्यता को एक बार फिर दर्शा दिया है. साथ ही, चेतना सत्र की रूपरेखा और उसमें छात्रों पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा की मांग भी की जा रही है. इस तरह की घटनाएं पुनः दोबारा ना हो सके : एसडीएम अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन ने बताया कि सभी छात्राओं को प्राथमिक उपचार कर बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए बड़े अस्पतालों में भेजा दिया गया है. स्थिति सामान्य है, लेकिन इस तरह की पुनरावृत्ति रोकने के लिए समय रहते कारणों की गहराई से जांच कराना आवश्यक है. अब स्थानीय शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के लिए यह चुनौती बन गई है कि वे मिलकर इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए. क्योंकि विद्यालय बच्चों के लिए ज्ञान का केंद्र होता हैं, भय और चिंता का नहीं. एसडीएम राकेश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि आखिर इस संदेहास्पद घटना का कारण क्या हो सकता है इसकी गहराई से जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं की पुनरावृति फिर से ना हो सके. क्या कहते कहते हैं एसडीएम अचानक कई छात्राओं के बीमार होने की सूचना नंदन से मिली. सीवियर हेडेक और घबराहट सहित अन्य लक्षण दिख रहे थे. सबका इलाज कराया गया, कुछ छात्राएं को स्थिति को देखते हुए रेफर भी किया गया. अब स्थिति सामान्य है. हमलोग पूरे मामले को गंभीरता से देख रहे हैं. राकेश कुमार, एसडीएम, डुमरांव
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