मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की सुविधा के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर 963 वाहन मिले

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना कि शुरुआत 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश ने किया था.

By AMLESH PRASAD | September 21, 2025 10:17 PM

बक्सर. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना कि शुरुआत 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश ने किया था. जिसका उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय से जोड़ने के साथ साथ ग्रामीण झेत्र का विकास व ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा बढ़ाना और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है. इसके तहत, प्रत्येक ग्राम पंचायत से 7 युवाओं को व्यावसायिक वाहन खरीदने पर 50% का अनुदान दिया जाता है, जो अधिकतम एक लाख तक था. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में यात्री परिवहन को सुलभ बनाने और कमजोर वर्गों के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी और 2025-26 तक विस्तारित कि गई है. इस योजना के तहत जिले को लक्ष्य 992 प्राप्त हुआ है. लेकिन 10 वें चरण 963 लोग को लाभ मिला. मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत बक्सर में ग्रामीणों को मिला रोजगार का अवसर, 963 लाभार्थियों को मिला 50% अनुदान पर वाहन जिससे न केवल ग्रामीण परिवहन व्यवस्था में सुधार हुआ है, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार का नया अवसर भी मिला है. योजना की शुरुआत और उद्देश्य : मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की शुरुआत 2018 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में की गयी थी. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ने की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए. इसके साथ ही योजना का एक और अहम लक्ष्य था अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना. सरकार द्वारा तय किया गया था कि हर ग्राम पंचायत से 7 युवाओं को व्यावसायिक वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये रखी गयी थी. यह योजना खासतौर से ऐसे युवाओं के लिए थी जो स्वरोजगार की तलाश में थे, लेकिन पूंजी की कमी के कारण कोई व्यवसायिक पहल नहीं कर पा रहे थे. जिले को मिला था 992 का लक्ष्य : जिले को इस योजना के अंतर्गत 992 लाभार्थियों का लक्ष्य प्राप्त हुआ था. सरकार ने योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया. अब तक दसवें चरण तक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसमें 963 लाभार्थियों को वाहन मुहैया कराया जा चुका है. यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि योजना जिले में सफलतापूर्वक क्रियान्वित हो रही है. कौन-कौन वाहन था शामिल : इस योजना के तहत लाभार्थियों को टाटा मैजिक, ऑटो, इ-रिक्शा जैसे छोटे व्यवसायिक वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया गया. वाहन की कुल कीमत का 50 प्रतिशत सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दिया गया, जबकि शेष राशि लाभार्थी द्वारा स्वयं या ऋण के माध्यम से वहन की गयी. यह पूरी प्रक्रिया डीटीओ कार्यालय और प्रखंड स्तर पर पारदर्शिता के साथ संचालित की गयी. ग्रामीण परिवहन व्यवस्था में बदलाव : इन 963 वाहनों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात की सुविधा में बड़ा सुधार देखा गया है. पहले जहां गांवों से जिला मुख्यालय या ब्लॉक तक पहुंचने में लोगों को कठिनाई होती थी, वहीं अब लाभार्थियों द्वारा संचालित ये वाहन नियमित रूप से रूट तय करके यात्रियों को ले जाने का काम कर रहे हैं. इससे लोगों को कम समय में और कम खर्च पर आवाजाही का विकल्प उपलब्ध हो सका है. स्वरोजगार का बढ़ता अवसर : इस योजना ने जिले के सैकड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर दिये हैं. जो युवा पहले बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे थे, अब अपने स्वयं के वाहन के माध्यम से आय अर्जित कर रहे हैं. इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और वे अपने परिवार की बेहतर तरीके से देखभाल कर पा रहे हैं. क्या कहते हैं अधिकारी इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के साथ साथ आवा गमन के सुविधा मिला. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ- व्यापार में बढोतरी हुआ है. पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी बेहतर सुविधा मिल रहा है. कम समय में बेहतर सुविधा मिल रहा है. संजय कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी किस प्रखंड के कितना मिला था लक्ष्य कितने को मिलना लाभ प्रखंड लक्ष्य लाभ बक्सर 111 109 चौसा 70 67 राजपुर 133 131 ब्रहमपुर 126 115 चककी 28 28 नावानगर 112 109 सिमरी 140 132 डुमराँव 111 111 इटाडी 105 105 केसठ 21 21 चौगाई 35 35

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