बिजली कटौती से लोगों की नींद गायब

बक्सर/चौसा/नावानगर : शहर में भी 24 घंटे में अमूमन छह से सात बार बिजली कटौती हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रही है. विद्युत कार्यपालक अभियंता सन्नी कुमार ने बताया कि मांग के अनुरूप विद्युत मिल रही है मगर कहीं तार टूटने तो कहीं जंफर उड़ने की शिकायत पर बिजली कटौती करनी पड़ रही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 13, 2019 3:19 AM

बक्सर/चौसा/नावानगर : शहर में भी 24 घंटे में अमूमन छह से सात बार बिजली कटौती हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रही है. विद्युत कार्यपालक अभियंता सन्नी कुमार ने बताया कि मांग के अनुरूप विद्युत मिल रही है मगर कहीं तार टूटने तो कहीं जंफर उड़ने की शिकायत पर बिजली कटौती करनी पड़ रही है. वहीं चौसा में सुबह 11 बजे बिजली कटती है तो कई घंटे बाद आती है.

वहीं शाम में भी मेंटनेंस के नाम पर बिजली कटौती की जाती है. वहीं नावानगर में गुरुवार को चकौड़ा फीडर से सुबह साढ़े ग्यारह बजे बिजली कटी तो देर शाम पांच बजे तक आयी. बिजली कटौती के कारण केसठ, सोनवर्षा, बैना, टिकपोखर, सलसला, रामनगर, बाली, पनियारी, सारा, डिहरी, अमरपुरी, महादेवगंज गांव में लोग परेशान रहे.
इन दिनों से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. आये दिन फॉल्ट के नाम पर की जा रही विद्युत कटौती से आम-अवाम परेशान हैं.
अंधाधुंध विद्युत कटौती से जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है. शहरवासियों की मानें तो विद्युत कटौती के कारण रात की नींद गायब हो गयी है. दिन में तो किसी तरह बिजली नहीं रहने पर काम चल जा रहा है. मगर रात में बिजली कटौती किये जाने से लोगों की नींद हराम हो गयी है.
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जगह-जगह फॉल्ट की शिकायत मिलने पर विद्युत कटौती की जाती है. हालांकि दो दिनों से हो रही हल्की बारिश के कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा आ रही है. सड़कों और गलियों में पानी का जलजमाव होने के कारण फॉल्ट ढूंढ़ने में कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आधे घंटे पर गुल हो जाती है बिजली, उपभोक्ताओं को होती है परेशानी
डुमरांव : शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को इन दिनों बिजली की समस्या से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि प्रतिदिन बिजली का आना-जाना लगा रहता है. इस कारण जनजीवन प्रभावित होता है. उपभोक्ता कहते हैं कि सरकार के द्वारा 24 घंटा बिजली देने का दावा खोखला साबित हो रहा है. लोगों को हर आधे घंटे पर बिजली की आंख मिचौनी से परेशानी उठानी पड़ रही है.
शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं का कहना है कि सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक इन 11 घंटों में उपभोक्ताओं को लगभग 8 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. जबकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजली में किसी तरह से कटौती नहीं की जा रही है. उपभोक्ताओं की मानें तो 9 सितंबर को ढकाइच फीडर से पूरे दिन बिजली की जमकर कटौती की गयी. 24 घंटे में तकरीबन बमुश्किल से आठ घंटे बिजली मिली.
स्थिति यह है कि एक सप्ताह से लोग बिजली की आंख मिचौनी से जूझ रहे हैं. जबकि 10 सितंबर को 2 बजे दिन से बिजली कटने के बाद उपभोक्ताओं को रात 10 बजे बिजली मिली. लोगों का कहना है की एक तो बारिश नहीं हो रही है, दूसरी तरफ किसानों का धान पानी के अभाव में सूख रहे है.
उपर से बिजली की कटौती जारी है. यदि 20 घंटे बिजली मिलती तो किसान बोरिंग के सहारे अपने धान को बचाने का प्रयास करते. बता दें कि डुमरांव अनुमंडल में साउथ बिहार पावर ड्रिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के लगभग एक लाख 10 हजार उपभोक्ता हैं. जबकि विभागीय अधिकारी का कहना है कि पूरे डुमरांव अनुमंडल को 65 मेगावाट बिजली मिल रही है.

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