आबादी 50 हजार, नहीं है एक भी राष्ट्रीयकृत बैंक

केसठ : प्रखंड में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड समेत ग्रामीण इलाकों के लोगों ने पूर्व में भी राष्ट्रीयकृत बैंक का शाखा खोलने के लेकर विजया बैंक के उप महाप्रबंधक, पटना को लिखित आवेदन देकर गुहार लगायी थी. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 11, 2019 6:18 AM

केसठ : प्रखंड में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड समेत ग्रामीण इलाकों के लोगों ने पूर्व में भी राष्ट्रीयकृत बैंक का शाखा खोलने के लेकर विजया बैंक के उप महाप्रबंधक, पटना को लिखित आवेदन देकर गुहार लगायी थी.

लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसे ग्रामीणों में उदासी देखी जा रही है. विदित हो पूरे प्रखंड में एक भी राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा नहीं है. क्षेत्र के लोग बैंक से संबंधित कार्यों के लिए नावानगर, सरैया या डुमरांव जाना पड़ता है. इससे लोगों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है. अवकाशप्राप्त कर्मचारियों तथा उनकी मौत के बाद परिजनों को मिलनेवाली पेंशन भी किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से ही मिलता है.
वैसी स्थिति में वृद्ध पेंशनधारी मजबूर होकर 10 से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर सरैया या फिर डुमरांव जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र की आबादी लगभग 50 हजार से अधिक है परंतु एकमात्र मध्य बिहार ग्रामीण बैंक है. इसमें रोजगार गारंटी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, शिक्षकों का वेतन तथा प्राथमिक, मध्य एवं हाइस्कूल के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति, पोशाक राशि की खाता खुलने के कारण अधिक बोझ बढ़ गया है.
जिसके कारण बैंक में रोजाना लंबी कतार लगती है. केसठ के 15 वर्षों से अधिक पेंशन पानेवाले राम केशा देवी, अवधेश नारायण दुबे समेत अन्य पेंशनधारियों ने बताया कि निकालने के लिए कोरान सरैया बैंक में जाना पड़ता है. इससे आने- जाने में परेशानी होती है. वहीं सीढ़ी के सहारे छत पर चढ़ने में परेशानी होती है. इसको लेकर ग्रामीणों ने राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने को लेकर अधिकारियों से मांग की है.

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