ओपीडी रहा बंद, इलाज के लिए भटकते रहे मरीज
बक्सर : डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल का असर बक्सर में भी रहा. सदर अस्पताल के साथ ही निजी नर्सिंग होम में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं. हड़ताल के दौरान सभी अस्पतालों में बस इमरजेंसी की सेवाएं ही बहाल रहीं. इमरजेंसी में मरीजों का इलाज किया गया. मगर ओपीडी व्यवस्था डॉक्टरों के हड़ताल पर चले […]
बक्सर : डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल का असर बक्सर में भी रहा. सदर अस्पताल के साथ ही निजी नर्सिंग होम में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं. हड़ताल के दौरान सभी अस्पतालों में बस इमरजेंसी की सेवाएं ही बहाल रहीं. इमरजेंसी में मरीजों का इलाज किया गया. मगर ओपीडी व्यवस्था डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से चरमरा गयी. अधिकांश सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में ताला लटका रहा, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
एक तरफ गर्मी दूसरी ओर अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से मरीजों की परेशानी और बढ़ गयी. सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज होते देख ओपीडी के मरीज भी इमरजेंसी में पहुंच गये. ओपीडी में मेडिकल एसोसिएशन द्वारा ओपीडी की सेवाएं बाधित होने की सूचना चस्पायी गयी थी. सूचना के साथ ही अस्पताल में इलाज के लिए आये मरीजों को इलाज न उपलब्ध करा पाने के लिए खेद भी जताया गया था.
इलाज नहीं मिलने से दूरदराज से आये मरीज वेटिंग हॉल में लगी कुर्सी पर इस आस में जमे रहे कि शायद उनका इलाज कुछ समय के बाद हो सके. इनमें कुछ छोटे बच्चे भी शामिल थे, जिन्हें बंदर और कुत्ता ने काट लिया था. इनका भी इलाज नहीं हो सका. सबों को मायूस लौट जाना पड़ा. ज्ञात हो कि सदर अस्पताल में इस समय रोजाना 4 सौ से ज्यादा मरीजों का इलाज होता है. सोमवार को मरीजों की भीड़ कुछ ज्यादा ही होती है.
राजपुर व सिमरी में हड़ताल के पक्ष में बिहार के डॉक्टर संघ के आह्वान पर राजपुर में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी सेवा बंद रही. इसके अलावा निजी डॉक्टरों ने भी अपने क्लिनिक बंद रखे. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लोग इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे. हालांकि दोपहर बाद मरीजों की परेशानियों को देखते हुए निजी डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया.