योग से मिलता है आरोग्य और आनंद की राह : प्रो सिद्धार्थ
नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा में निःशुल्क 30 दिवसीय योग कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को हुआ.
राजगीर. नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा में निःशुल्क 30 दिवसीय योग कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को हुआ. यह कार्यशाला 12 नवम्बर से 12 दिसम्बर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 7:30 से 9:30 बजे तक ह्वेनसांग स्मारक परिसर में आयोजित की जाएगी. पहले दिन 76 प्रतिभागियों ने भाग लेकर योग के प्रति अपनी गहरी रुचि और समर्पण का परिचय दिया. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. सिद्धार्थ सिंह ने योग के व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आधार है, बल्कि यह व्यक्ति की सोच, दृष्टिकोण और व्यवहार को भी सकारात्मक बनाता है. योग के माध्यम से व्यक्ति के भीतर प्रसन्नता, संतुलन, समरसता और आनंद की भावना विकसित होती है. प्रो. विश्वजीत कुमार ने योग की संकल्पना और उसके जीवन में अनिवार्य महत्व पर विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि योग जीवन का अनुशासन है, जो मनुष्य को स्वयं से जोड़ता है. प्रो. विनोद कुमार चौधरी ने योग को आत्मा और परमात्मा के मिलन का माध्यम बताते हुए कहा कि नियमित योग साधना से व्यक्ति शरीर और मन दोनों स्तरों पर आरोग्य प्राप्त करता है. कुलसचिव प्रो. रूबी कुमारी ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कार्यशाला की सफलता की कामना की. विभागाध्यक्ष डॉ. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अधिकाधिक प्रतिभागियों से कार्यशाला का लाभ उठाने का आग्रह किया. डॉ. अनुजा कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि योग सत्रों का संचालन डॉ. मनोज बिश्नोई ने किया. इस अवसर पर नव नालंदा महाविहार के आचार्यगण, शोधार्थी, छात्र तथा नालंदा के आसपास के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. सबों ने योग के प्रति अपनी गहरी आस्था एवं उत्साह प्रदर्शित किया. यह कार्यशाला न केवल शारीरिक एवं मानसिक सशक्तिकरण का माध्यम बनेगी, बल्कि स्वस्थ एवं समरस समाज के निर्माण की दिशा में एक प्रेरक पहल सिद्ध होगी.
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