विसर्जन जुलूस में भावुक हुई महिलाएं
जिले में भारी हर्षोल्लास के साथ दशहरा का त्यौहार मनाया गया. इस अवसर पर जहां एक तरफ श्रद्धालुओं ने नवरात्र की उपासना की तो दूसरी ओर दशहरा मेले में लोगों ने माता के विभिन्न रूपों का दर्शन-पूजन कर पुण्य लाभ उठाया.
प्रमुख घाटों पर प्रतिमाओं का किया गया विसर्जन:-
शहर में स्थापित सैकड़ो की संख्या में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन शहर के आसपास के नदी तालाबों में किया गया. स्थानीय मोरा तालाब तथा कोसुक नदी घाट पर प्रतिमा विसर्जन को लेकर सर्वाधिक भीड़ रही . स्थलों पर देर रात तक प्रतिमाओं का विसर्जन जारी रहा. जिला प्रशासन की देखरेख में सभी जगह शांतिपूर्ण तथा सुरक्षित ढंग से प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूरी धार्मिक आस्था के साथ मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन आस पड़ोस के नदियों तथा तालाबों में किया गया. कई पूजा समितियां के द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाओं को विसर्जन करने के लिए बाढ़, फतुहा, राजगीर तथा रजरप्पा आदि स्थलों पर भी ले जाया गया है. जिसमें बड़ी संख्या में मोहल्ले वासी भी शामिल हुए हैं.
खराब मौसम के बावजूद लोगों ने उठाया मेले का आनंद
ग्रामीण क्षेत्रों से कम पहुंचे श्रद्धालु:-
दशहरा मेले के मौके पर मौसम का मिजाज कुछ इस प्रकार बदला की लगातार गर्मी झेल रहे जिले वासियों को बरसात का सौगात दे दिया. रुक- रुक कर लगातार हो रही बारिश तथा घंटों होने वाली बूंदाबांदी के कारण शहरवासी तो जैसे तैसे घरों से बाहर निकले. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से काफी कम संख्या में श्रद्धालु शहर के इस मेले में शामिल हो सके. जो ग्रामीण मेले में पहुंचे भी तो भागम- भाग की स्थिति में भींगते- भागते जल्दी ही घर लौटना मुनासिब समझा. ऐसे में कुछ खास पंडालों पर ही अधिक भीड़ रही. श्रद्धालु कम ही समय रुक कर वापस लौटे.छोटे कारोबारियों की उम्मीदों पर फिरा पानी
दशहरा मेले में मोटी कमाई करने की उम्मीद रखने वाले छोटे कारोबारियों की उम्मीदों पर बरसात ने पानी फेर दिया. मेले के अवसर पर शहर में खुली हजारों की संख्या में छोटी-छोटी अस्थाई दुकानों पर बरसात के कारण कम ही ग्राहक रूक सके. चाट- पकोड़े की दुकानें,पानी पुरी के खोमचे , खिलौनों की दुकानें, आइसक्रीम तथा कोल्ड ड्रिंक्स की दुकानें,श्रृंगार की दुकाने तथा बच्चों के लिए छोटे झूले लगाने वालों, गुब्बारे बेचने वाले आदि के पास कम ही ग्राहक बरसात में रूक पा रहे थे. ऐसे में कई कारोबारियों ने बताया की पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष उन्हें काफी कम आमदनी हुई. खाने-पीने की बहुत सारी वस्तुएं बच भी गई है. इससे ऐसे कारोबारी को नुकसान भी हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
