जिले में सरकारी वाहनों की कमी से यात्रियों को परेशानी
जिले के करीब छह प्रखंडों और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी परिवहन सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शाम होते ही दूर-दराज के इलाकों में यातायात की स्थिति और खराब हो जाती है,
बिहारशरीफ. जिले के करीब छह प्रखंडों और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी परिवहन सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शाम होते ही दूर-दराज के इलाकों में यातायात की स्थिति और खराब हो जाती है, जबकि विवाह सीजन में यह समस्या विकराल रूप ले लेती है. जिला मुख्यालय से कतरीसराय, बेन, परवलपुर, एकंगरसराय, इस्लामपुर और हिलसा प्रखंडों तक कोई सरकारी बस या परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, इन प्रखंडों से जुड़ी पंचायतों तक पहुंचने के लिए भी सार्वजनिक वाहनों की कमी है. नतीजतन, निजी ऑटो-टोटो चालक मनमाने भाव वसूलते हैं और यात्रियों को ऊंची दरों पर वाहन रिजर्व करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. विशेषकर शादी-ब्याह के मौसम में जब यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है, तो टोटो-ऑटो चालक एक-दो यात्रियों को लेकर चलने से इनकार कर देते हैं. इसके बजाय वे पूरा वाहन बुक करने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे ग्रामीणों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है. बभनियावां निवासी रामशरण उर्फ सुजीत, पिंटू और एकंगरसराय के सोनू व अजीत जैसे कई यात्रियों ने बताया कि उनके क्षेत्र से जिला मुख्यालय तक कोई सरकारी बस सेवा नहीं है. निजी वाहन चालक अपनी सुविधा के अनुसार वाहन चलाते हैं, जिससे कॉलेज, बैंक या सरकारी दफ्तरों के काम से जाने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ग्रामीण और प्रखंड स्तर तक सरकारी बसों व अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का विस्तार किया जाए, ताकि आम लोगों को यात्रा में हो रही दिक्कतों से राहत मिल सके. जिले के दूरस्थ इलाकों में सरकारी परिवहन सेवाओं के अभाव में यात्रियों को निजी वाहन चालकों की मनमानी झेलनी पड़ रही है. प्रशासन को चाहिए कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात सुविधाएं बढ़ाए, ताकि आमजन की परेशानियां कम हो सकें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
