तीसरे खिलाड़ी के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक
ड़े नेताओं की रैलियां थमते ही जिले में असली चुनावी जंग गांवों और चौपालों में दिखने लगी है.
बिहारशरीफ. बड़े नेताओं की रैलियां थमते ही जिले में असली चुनावी जंग गांवों और चौपालों में दिखने लगी है. मतदाता अब भी अपने पत्ते छिपाए हुए हैं, लेकिन माहौल साफ इशारा कर रहा है कि इस बार कई सीटों पर मुकाबला कांटे का होगा. एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई वाले समीकरण को तीसरे मजबूत खिलाड़ी ने बिगाड़ दिया है. जिले में आठ से ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार, खासकर इस्लामपुर और अस्थावां में पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने की स्थिति में हैं. जनसुराज भी दोनों गठबंधनों के वोट खिसकाने की रणनीति पर काम कर रहा है. ऐसे में कई सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिल सकते हैं. सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि कुछ सीटों पर एनडीए के दिग्गजों के खिलाफ उनके ही वरिष्ठ कार्यकर्ता पर्दे के पीछे सक्रिय हैं. बताया जा रहा है कि वे चुपचाप विरोधी उम्मीदवारों को ताकत दे रहे हैं, ताकि इस बार हार हो और अगले चुनाव में टिकट की दावेदारी मजबूत हो सके. हिलसा, नालंदा, अस्थावां और बिहारशरीफ में ऐसी अंदरूनी हलचल की चर्चा तेज है. कुछ नेताओं ने खुद चुनाव लड़ने के बजाय निर्दलीयों को आगे कर अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है. कुल मिलाकर, यह चुनाव सत्ता पक्ष के लिए अग्नि परीक्षा साबित हो सकता है.
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