योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचे: प्रेम कुमार

बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार के द्वारा शुक्रवार को अतिथिशाला बिहारशरीफ में नालंदा जिला में सहकारिता विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की.

By SANTOSH KUMAR SINGH | August 29, 2025 9:32 PM

बिहारशरीफ. बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार के द्वारा शुक्रवार को अतिथिशाला बिहारशरीफ में नालंदा जिला में सहकारिता विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. इस समीक्षा में उन्होंने धान अधिप्राप्ति, सीएमआर आपूर्ति, बिहार राज्य फसल सहायता योजना, मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना, पैक्स में गोदाम निर्माण, भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स में लागू की गई योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, पैक्स में पेट्रोल पंप की स्थापना, वृहत अन्न भंडारण योजना, पैक्स में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की स्थापना आदि सहित बुनकरों के कल्याण के लिए बुनकर समितियों को सुदृढ़ करना, मधुमक्खी सहकारी समितियों, प्राथमिक सब्जी उत्पादन समितियां ( भेजफेड ), उपभोक्ता भंडार, पैक्स में पीडीएस के दुकानों की संख्या में वृद्धि, पैक्स को उर्वरक लाइसेंस प्राप्त करना, समितियों में सदस्यों की संख्या में वृद्धि करना आदि की समीक्षा की गई. मंत्री श्री कुमार के द्वारा बैठक में योजनाओं की उल्लेखनीय प्रगति के लिए संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए ताकि सहकारिता विभाग के विभिन्न योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंच सके. मंत्री श्री कुमार के द्वारा सहकारिता विभाग के सभी कार्यालयों को एक ही परिसर में रखने के लिए जिला सहकारिता पदाधिकारी नालंदा के कार्यालय के पीछे बन रहे सहकार भवन का भी भ्रमण किया गया तथा आवश्यक निर्देश दिए गए. समीक्षा में जिला सहकारिता पदाधिकारी नालंदा धर्मनाथ प्रसाद, नालंदा सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक आनंद कुमार चौधरी, बैंककर्मी श्रुति चंद्र बोस, सहायक निबंधक, सहयोग समितियां,हिलसा, रितु कुमारी, प्रशिक्षु सहायक निबंधक सहयोग समितियां ,सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी आदि उपस्थित हुए.

नालंदा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के बने बैंक मित्र:-

नालंदा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक युवाओं को बैंक मित्र बनकर स्वावलंबी बनने का अवसर प्रदान कर रहा है. इस संबंध में नालंदा सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक आनंद कुमार चौधरी ने बताया कि यदि कोऑपरेटिव बैंक से जुड़कर युवा बैंक मित्र के रूप में कार्य करते हैं तो उन्हें बैंक द्वारा लेन- देन पर कमीशन तथा प्रति माह 2000 से 5000 रुपये तक का निश्चित वेतन या शुल्क भी प्राप्त हो सकता हैं. इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी प्राप्त होता है. बैंक मित्र के रूप में व्यक्ति अपने समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और लोगों के लिए बैंकिंग सेवाओं के सुलभ होने पर एक अलग पहचान बनती है. बैंक मित्र के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत 1.25 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें सामान, कामकाज और वाहन के लिए अलग-अलग ऋण शामिल हैं. बैंक मित्र उन जगहों पर बैंकिंग सेवाएं पहुंचाते हैं, जहां बैंक शाखाएं या एटीएम नहीं हैं. इससे ग्रामीण और वंचित आबादी को बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिलता है. नालंदा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक संयुक्त देयता समूह तथा जीविका स्वयं सहायता समूह को भी कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के पथ पर अग्रसर है.

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