लोकतंत्र के महापर्व में जनता ने दिखाया उत्साह
176 नालंदा विधानसभा सीट इस बार जिले की हॉट सीट बन गई है इस सीट पर एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी श्रवण कुमार और महागठबंधन समर्थित कांग्रेस के कौशलेन्द्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है.
राजगीऱ 176 नालंदा विधानसभा सीट इस बार जिले की हॉट सीट बन गई है इस सीट पर एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी श्रवण कुमार और महागठबंधन समर्थित कांग्रेस के कौशलेन्द्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. वहीं जन सुराज पार्टी की प्रत्याशी कुमारी पूनम सिन्हा के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. कुल 10 प्रत्याशी अपनी किस्मत यहां आजमा रहे हैं. इससे चुनावी समर और भी दिलचस्प बन गया है. इस बार नालंदा का चुनाव पूरी तरह विकास बनाम भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लड़ा गया है. जनता के बीच चर्चा का मुख्य विषय क्षेत्रीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर है. मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर भाग लिया. मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की थी. पूरे विधानसभा क्षेत्र में 389 मतदान केंद्र बनाए गए थे. जहाँ हर बूथ पर अर्द्धसैनिक बल की तैनाती की गई थी, ताकि मतदाता निर्भय होकर मतदान कर सकें. दिनभर पुलिस और प्रशासनिक वाहन निगरानी में सक्रिय रहे. मतदाता कतारबद्ध होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करते दिखे. पूरे दिन कहीं से किसी अप्रिय घटना या मतदान बहिष्कार की सूचना नहीं मिली. शाम पाँच बजे तक 60.63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो पिछले चुनावों की तुलना में संतोषजनक रहा है. पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाताओं में विशेष उत्साह देखा गया. वहीं वृद्ध और महिला मतदाता भी लोकतंत्र के इस पर्व में पीछे नहीं रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में मतदान का उत्साह शहरी क्षेत्रों से अधिक नजर आया. प्रशासन ने सभी बूथों पर मूलभूत सुविधाओं यथा पेयजल, शौचालय, रैंप और विश्राम स्थल आदि की व्यवस्था की थी. प्रखंड कार्यालय परिसर में एक “पिंक बूथ” बनाया गया था, जहाँ पूरी जिम्मेदारी महिला कर्मियों के हाथों में थी. वहीं आदर्श मध्य विद्यालय को आदर्श मतदान केंद्र घोषित किया गया. इस बार पहली बार सभी मतदान केंद्रों पर वोटरों के मोबाइल रखने की विशेष व्यवस्था की गई थी, ताकि मतदान प्रक्रिया निर्बाध और सुरक्षित रहे.
हालांकि कुछ मतदाताओं ने बीएलओ और विकास मित्रों पर मतदान पर्ची घर-घर नहीं पहुँचाने की शिकायत की. जानकारों का मानना है कि यदि पर्चियाँ सही समय पर पहुंचाई गई होतीं तो मतदान प्रतिशत और अधिक होता.
फिर भी प्रशासनिक तैयारी, मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी और शांतिपूर्ण मतदान ने यह स्पष्ट किया कि ज्ञानभूमि नालंदा की जनता लोकतंत्र के प्रति जागरूक, जिम्मेदार और सजग है. इस बार का चुनाव नालंदा के राजनीतिक इतिहास में एक उत्सवपूर्ण और शांतिपूर्ण मतदान का उदाहरण बन गया.
-एनडीए सरकार की उपलब्धियां एवं भ्रष्टाचार
-महागठबंधन सरकार से लोगों की नई उम्मीदे
-नई सरकार से विकास को लेकर नई उम्मीदें चुनाव के पूर्व एनडीए व महागठबंधन के वादेकुल वोटिंग प्रतिशत —— 60.63 फीसदी ( संध्या पांच बजे तक )
समयवार मतदान —————-
12.54 प्रतिशत ———– सुबह 9 बजे 29.14 प्रतिशत ———– सुबह 11 बजे45.57 प्रतिशत ———– दोपहर 1 बजे
55.82 प्रतिशत ———– दोपहर 3 बजे60.63 प्रतिशत ———– संध्या 5 बजे
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