श्रीमद् भागवत कथा सुनने से होती है आत्मा की शुद्धि

शहर के बंगाली पाड़ा स्थित रामकृष्ण शारदा आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान राजकोट से पधारे स्वामी गुणेशानंद जी महाराज ने रविवार को कथा के महत्व पर प्रकाश डाला.

By SANTOSH KUMAR SINGH | April 20, 2025 10:17 PM

राजगीर. शहर के बंगाली पाड़ा स्थित रामकृष्ण शारदा आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान राजकोट से पधारे स्वामी गुणेशानंद जी महाराज ने रविवार को कथा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनना केवल धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और जीवन के सत्य को जानने का माध्यम है. कथा श्रवण से मन की चंचलता दूर होती है. व्यक्ति में सद्गुणों का विकास होता है. स्वामी जी ने बताया कि भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उपदेशों का संग्राह है, जो मनुष्य को धर्म, भक्ति और मोक्ष की ओर प्रेरित करती है. कथा सुनने से मनुष्य के भीतर भक्ति भावना जाग्रत होती है. जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन आवश्यक है, उसी प्रकार आत्मा की शुद्धि और शांति के लिए कथा श्रवण आवश्यक है. कथा में उपस्थित रहकर हम अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं। और ईश्वर की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। स्वामी गुणेशानंद जी महाराज ने लोगों से कहा कि वे नियमित रूप से कथा श्रवण करें। सत्संग का लाभ उठाएं. अपने जीवन को धर्ममय बनाएं. उन्होंने कथा को आत्मिक उन्नति का श्रेष्ठ साधन बताया और कहा कि इससे समाज में भी नैतिकता और सद्भावना का प्रसार होता है.

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