बच्चों को पानी में डूबने से बचाव की दी गयी जानकारी
मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जिले के सरकारी स्कूलों में सुरक्षित शनिवार की नयी वार्षिक सारणी के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
बिहारशरीफ . मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जिले के सरकारी स्कूलों में सुरक्षित शनिवार की नयी वार्षिक सारणी के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके तहत बच्चों को जुलाई माह के दूसरे शनिवार का विषय- पानी में डूबने से बचाव के सन्दर्भ में जानकारी देकर मॉक ड्रिल भी कराई गई . कार्यक्रम के तहत शिक्षकों के द्वारा बच्चों को बताया गया कि तैराकी जाने बिना पानी मे उतरना बहुत ही खतरनाक होता है. बाढ के समय पानी में डूबने का खतरा बना रहता है. पानी का बहाव तथा गहराई का अनुमान लगाए बिना पानी में उतरना नहीं चाहिए .बच्चों को पानी में डूबने से होने वाले खतरे तथा उससे बचाव के लिए सावधानियां भी बताई गई. इसी प्रकार पानी में डूब रहे व्यक्ति को बचाने का उपाय भी बताया गया. शिक्षकों ने बताया की पानी में डूबे व्यक्ति की जान बचाने के लिए सर्वप्रथम प्राथमिक उपचार देना आवश्यक है. प्राथमिक उपचार के तहत पीड़ित व्यक्ति को उल्टा लटका कर या पेट के बाल लिटाकर पेट में जमा अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला जाता है. इसके बाद पीड़ित की स्थिति को देखते हुए चिकित्सक की मदद लेनी चाहिए.
क्या करें और क्या ना करें :-
पानी से होने वाले खतरों से बचाव के लिए यह आवश्यक है कि बच्चों को यह जानकारी होनी चाहिए की, कौन सा काम करें और कौन सा काम ना करें . अक्सर बाढ़ के दौरान अथवा व्रत- त्यौहार ,मेला आदि के समय नदी, नहर, तालाबों में नहाने या आवागमन के दौरान नदी- तालाबों और पानी भरे गड्ढों मे डूबने की घटनाएं होती है. इसके बारे में जागरूकता तथा प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी जरूरी है. डूबते हुए व्यक्ति के बचाव के लिए धोती, साड़ी, रस्सी, बांस तथा आस- पास के उपलब्ध संसाधनों से डूबते हुए व्यक्ति को बचाना चाहिए. बच्चों ने पूरी सजगता से शिक्षकों की बातों को सुनकर उनका अनुसरण करने का संकल्प लिया.
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