हिंदी महज एक भाषा नहीं बल्कि एक संस्कृति है: सचिव
शांति मेमोरियल कॉलेज ऑफ ऐजूकेशन बेगमपुर, नालन्दा के प्रशिक्षुओं के द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली एवं ''''सेमिनार का आयोजन किया गया.
बिहारशरीफ . शांति मेमोरियल कॉलेज ऑफ ऐजूकेशन बेगमपुर, नालन्दा के प्रशिक्षुओं के द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली एवं ””””सेमिनार का आयोजन किया गया. इस रैली में प्रशिक्षुओं के साथ साथ सभी कार्यरत शिक्षकों ने भी भाग लिया. रैली के बाद महाविद्यालय में सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका शुमारम्म करते हुए कॉलेज के सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी महज एक भाषा नहीं, एक भावना है, संस्कृति है, हमारे देश की धरोहर है. विश्व पटल पर हिन्दी हम मारतीयों की पहचान है. आज हमलोग वैश्वीकरण के दौर में ग्लोबल लैंग्वेज के पीछे भागते-भागते अपनी मातृभाषा के महत्व को ही भूल गए है. हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होनी चाहिए. सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ जयकांत कुमार ने कहा कि आज ही के दिन संविधान सभा के द्वारा 1949 ईस्वी में देवनागिरी लिपि में लिखी हिन्दी को अधिकारीक भाषा का दर्जा दिया गया था, एवं आज ही के दिन 1953 को पहला हिंदी दिवस मनाया गया था. हिंदी कि महत्ता को बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारी हिदी विश्व की तीसरी ऐसी भाषा है जो बड़ी जनसंख्या के द्वारा बोली जाती है. हमारे देश की भी यह सबसे बड़ी जनसख्या के द्वारा बोली जाने वाली भाषा है. हमारे देश में अलग-अलग धर्मो, संस्कृति, वेशभूषा तथा खान-पान वाले लोग निवास करते हैं, लेकिन हिन्दी ही है जो सबको एक सूत्र में बांधती है. किसी विद्वान ने कहा भी है: संस्कृत हमारी माता है, हिंदी बहु है, परन्तु अंग्रेजी तो धाय (दाय) है. दुर्भाग्य है की माता और बहु को छोइकर धाय के पीचे अंधी दौइ लगा रहे हैं. हिंदी हमारी संस्कृति का वाहक है, हमारे संस्कार का दर्पण है.अंग्रेजी न तो हमारी संस्कृति है, न ही संस्कार का वाहक हो सकता है. सेमिनार को सम्बोधित करते द्वए प्रो. धर्म कुमार ने कहा कि हिंदी अन्य भाषाओं की तुलना में ज्यादा समृद्ध है. अब तो तकनिकी शिक्षा की पढाई एवं मेडिकल की पढाई मी हिंदी में होना प्रारम्म हो गया है. सेमिनार में बोलते हुए कहा कि अंग्रेजी कभी भी हिदी से अधिक समृद्घ नहीं रही है. सेमिनार को प्रशासक सानंद मोहन , प्रो अमृतेश कुमार , प्रो शैलेश नंदन , प्रो रामचंद्र प्रसाद, प्रो विवेक चंद्र पाडेय, प्रो अंजली कुमारी, प्रो प्रितम प्रियदर्शी एवं प्रो राजेश राम ने भी सम्बोधित किया. सेमिनार में बीएड सत्र 2024-26 एबं डीईएड सत्र 2024-26 तथा बीएड सत्र 2025-27 के प्रशिक्षुओं ने भी भाग लिया.
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