हरोहर नदी उफान पर, बाढ़ का खतरा
गंगा नदीं के जल स्तर में भारी वृद्धि के कारण घाटकोसुम्भा प्रखंड का हरोहर नदी अपने उफान पर है. जिससे घाटकोसुम्भा प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में लगातार पानी की वृद्धि हो रही है.
बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए नाव का इंतजाम : घाटकोसुम्भा अंचल के अंचलाधिकारी विश्वास आनंद ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए प्रशासन की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. प्रखंड में वैसे गांवों के लिए सरकारी नाव का इंतजाम किया गया है. जहां अत्यधिक पानी के कारण लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. जिन गावों में नाव का इंतजाम किया गया है. उनमें दो नाव बटोरा ,एक नाव सहरा और एक सुजावलपुर में नाव का इंतजाम किया जा चूका है. वहीं सहरा गांव में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने को टैंकर से पानी भेजा गया. मेडिकल टीम को लगाया गया है. इसके साथ ही मोबाइल पशु चिकित्सा वैन को लगाया गया है.
वृंदावन और सहरा बटोरा में बंटेगा पशुचारा : बाढ़ पीड़ितों के पशुओं को चारे की भारी कमी को देखते हुए प्रशासन की ओर से पशु चारे का भी इंतजाम किया जा रहा है. शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के वृंदावन गांव के साथ ही सहरा और बटोरा में पशु चारा का वितरण किया जायेगा. इसके साथ ही वैसे परिवार जिन्हें रहने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. उनके बीच में पॉलिथीन शीट का वितरण प्रारंभ किया जायेगा.
जन प्रतिनिधि भी लेकर चुके हैं जायजा : घाटकोसुम्भा प्रखंड में बाढ़ का पानी आने पर विभिन्न पंचायतों में समस्या से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए स्थानीय विधायक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा ले चुके हैं. इसके साथ ही पूर्व विधायक रंधीर कुमार सोनी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का द्वारा कर रहे हैं. वहीं राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेन्द्र नाथ भी घाटकोसुम्भा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा ले चुके हैं. इसके साथ ही डीएम आरिफ अहसन भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा ले चुके हैं.
कृषि विभाग फसलों के क्षति के आकलन में जुटा : जिलाधिकारी के निर्देशों के आलोक में कृषि विभाग द्वारा प्रखंड क्षेत्र में किसानों द्वारा लगाए गए फसल के आकलन का काम शुरू कर दिया गया है. सरकार द्वारा फसल की क्षतिपूर्ति की घोषणा किए जाने के बाद सभी प्रभावित किसानों को सहूलियत के साथ क्षतिपूर्ति सहायता राशि उपलब्ध कराने को लेकर यह प्रक्रिया शुरू की गयी है. इस प्रक्रिया के तहत कृषि विभाग द्वारा प्रखंड क्षेत्र के किन किसानों द्वारा कितने भूभाग पर किस प्रकार के फसल का आच्छादन किया गया है, उसकी सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है. पूरे प्रखंड क्षेत्र में लक्ष्य से भी ज्यादा 2950 हेक्टेयर भूभाग पर धान और बड़े भूभाग पर मक्का आदि के फसल लगाए गए है. हालांकि फसल की क्षतिपूर्ति राहत का काम सरकार की घोषणा के बाद किया जायेगा, लेकिन सूची तैयार रहने के बाद इस काम में सहूलियत को लेकर यह पूरी प्रक्रिया शुरू की गयी है.
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