कार्यपालक सहायकों का 19 अगस्त से आंदोलन की घोषणा

बिहार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है.

By SANTOSH KUMAR SINGH | August 17, 2025 9:14 PM

बिहारशरीफ. बिहार के विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अपनी समस्याओं का समाधान करवाना है, जिनमें **नियमित नियुक्ति, **बेहतर सेवा शर्तें** और सुरक्षित नौकरी की मांग प्रमुख है. आंदोलन में चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. 19–21 अगस्त 2025 तक राज्य के सभी विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायक काला बिल्ला पहनकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. 23 अगस्त 2025 तक जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकाले जाएंगे. 24 अगस्त 2025 को पटना में सभी कार्यपालक सहायक एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन करेंगे. 26–27 अगस्त 2025 तक सभी विभागों के कार्यपालक सहायक दो दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और धरना-प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद 29 अगस्त 2025 से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल और धरना-प्रदर्शन की शुरुआत होगी. कार्यपालक सहायकों का कहना है कि उनकी मेहनत और योगदान को सरकार ने अब तक सही तरीके से नहीं समझा है. इन कर्मचारियों की भूमिका कई महत्वपूर्ण योजनाओं और अभियानों में अहम है, जैसे राज्य निर्वाचन आयोग, भू-राजस्व विभाग, पंचायती राज विभाग, लेकिन उनकी कई वर्षों से लंबित मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इनके प्रमुख मांगों में **नियमित नियुक्ति की गारंटी. **बेहतर सेवा शर्तें, सुरक्षित एवं सम्मानजनक नौकरी का प्रावधा आदि हैं. इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि उनके बिना सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन असंभव है. सरकार को उनकी समस्याओं पर शीघ्र निर्णय लेना चाहिए. बिहार राज्य कार्यालय सहायक सेवा संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यालय सहायकों के स्थायीकरण की मांग की है. संघ ने आरोप लगाया है कि उनकी लंबित मांगों को कई वर्षों से सरकार अनदेखा कर रही है. संघ ने कहा है कि अगर सरकार ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए तो वे अनिवार्य रूप से बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. इसके अलावा, बिहार के विभिन्न विभागों में संविदा, दैनिक भोगी के रूप में कार्यरत कार्यालय सहायकों ने भी अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाई है. उनका कहना है कि वे लंबे समय से **नियमित राज्यकर्मियों की तरह काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें समान दर्जा और वेतनमान नहीं मिला है. संविदाकर्मियों ने यह भी कहा कि कई कर्मचारियों की आकस्मिक दुर्घटना या बीमारी के कारण मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके परिवारों को कोई सहायता नहीं मिली है. संविदाकर्मियों और कार्यपालक सहायकों ने सरकार से अपील की है कि वे उनकी समस्याओं पर तुरंत ध्यान दें और उनकी मांगों को जल्द से जल्द हल करें, नहीं तो बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

संविदाकर्मियों की मुख्य मांगें:-

1. कार्यालय सहायक को स्थायी नौकरी का दर्जा और वेतनमान मिले।

2. सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतनमान लागू किया जाए।

3. आकस्मिक मृत्यु या गंभीर बीमारी में परिजनों को 40 लाख रुपये का मुआवजा मिले।

4. कर्मचारियों के लिए ईपीएफ/पेंशन सुविधा लागू की जाए।

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