चुनाव में इसीआइ नेट एप का पहली बार हो रहा प्रयोग
छह नवंबर को पहले चरण में होने वाले मतदान के दौरान पहली बार चुनाव आयोग द्वारा जारी इसीआइ-नेट एप का प्रयोग किया जा रहा है.
शेखपुरा. छह नवंबर को पहले चरण में होने वाले मतदान के दौरान पहली बार चुनाव आयोग द्वारा जारी इसीआइ-नेट एप का प्रयोग किया जा रहा है. मतदान के दौरान आंकड़े को लेकर पारदर्शिता बनाए रखने पर विशेष जोर देते हुए इस ऐप का प्रयोग किया जा रहा है. चुनाव आयोग द्वारा पहले से बनाए गए लगभग 40 ऐप को इसी एक ऐप पर व्यवस्थित कर दिया है. मतदान के दौरान मतदान केंद्र पर तैनात पीठासीन पदाधिकारी इसी ऐप पर मतदान प्रतिशत लोड करते रहेंगे. मतदान की समाप्ति पर मतदान केंद्र छोड़ने के पूर्व उन्हें सभी आंकड़े निश्चित रूप से इस ऐप पर लोड कर देना होगा. इस संबंध में चुनाव आयोग के निर्देशों के आलोक में आंकड़े लोड करने के समयावधि भी तय कर दी गई है. आयोग के निर्देश के तहत किसी भी प्रकार की आंकड़े नहीं छूटने का का निर्देश जारी किया गया है. मतदान के दिन सभी पीठासीन पदाधिकारी को अपने मोबाइल पर इस ऐप को डाउनलोड करते हुए चार्जर भी साथ रखने का निर्देश दिया गया है. सभी पीठासीन पदाधिकारी को मतदान केंद्र पर जाने के पूर्व अपने संबंधित निर्वाची पदाधिकारी से इस ऐप वाले मोबाइल नंबर की मैपिंग कर दिया गया. उधर मतदान के दौरान प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट को पीठासीन पदाधिकारी द्वारा 17-सी नामक प्रपत्र उपलब्ध कराया जाएगा और मतदान समाप्ति के बाद हस्ताक्षर युक्त पर पत्र वापस भी प्राप्त किया जाएगा. पोलिंग एजेंट को मतदान के पूर्व आयोजित किए जाने वाले माक पोल से लेकर मतदान समाप्ति तक मतदान केंद्र पर उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है. पिछले मतदान से अलग इस बार पीठासीन पदाधिकारी और प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट बरामदे के बदले बंद कमरे में बैठने की व्यवस्था की गयी है. मतगणना के दौरान आंकड़े की पारदर्शिता को दर्शाने के लिए 17-सी और इवीएम के मतों की संख्या सामान नहीं रहने पर वैसे सभी मतदान केंद्रों के ववीवीपैट के पर्ची की गणना की जायेगी.
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