14 बच्चों को भिक्षावृति के दलदल से किया गया रेस्क्यू

पर्यटक शहर राजगीर में अपने ही बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने का भंडा फोड़ हुआ है. जिन बच्चों को काॅपी- किताब लेकर स्कूल जाना चाहिए था

By AMLESH PRASAD | March 10, 2025 10:34 PM

राजगीर.

पर्यटक शहर राजगीर में अपने ही बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने का भंडा फोड़ हुआ है. जिन बच्चों को काॅपी- किताब लेकर स्कूल जाना चाहिए था, उनसे देशी- विदेशी पर्यटकों से भिक्षाटन कराया जा रहा था. समाज कल्याण विभाग और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम द्वारा की गयी कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ है. टीम द्वारा सोमवार को राजगीर के अलग अलग पर्यटन स्थलों से 14 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया है. सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भिक्षावृत्ति पर नकेल कसने के लिए और उन्हें पुनर्वासित करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. बावजूद अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर में बाल भिक्षाटन चरम पर है. यहां अनेकों ऐतिहासिक पर्यटन और धार्मिक स्थल हैं, जहां प्रतिदिन हजारों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. उन स्थलों यथा ब्रह्म कुंड क्षेत्र सोन भंडार जयप्रकाश उद्यान बिंबिसार कारागार विश्व शांति स्तूप एवं अन्य स्थानों पर बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक भिक्षाटन करते हैं. चाइल्ड हेल्पलाइन के समन्वयक रंजन कुमार पाठक के नेतृत्व में सोमवार को टीम गठित कर पुलिस और एनजीओ के सहयोग से राजगीर के कुंड परिसर में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन में 14 बच्चों को मुक्त किया गया है. इन बच्चों से उनके परिजन ही देशी- विदेशी पर्यटकों से भीख मांगने के लिए मजबूर करते थे. जांच और पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि इन बच्चों के परिजन ही उन्हें भिक्षावृत्ति में धकेल रहे हैं. इससे उनकी शिक्षा और विकास के अलावे रहन सहन सभी बिगड़ रहे हैं. 14 बच्चों को भिक्षावृत्ति के दलदल से बाहर निकाला गया है. रंजन कुमार पाठक ने यह जानकारी देते हुये बताया कि टीम में शामिल आइडिया संस्था से जिला संन्वयक उज्ज्वल कुमार, मंटू कुमार और प्रयास संस्था के जिला समन्वयक अब्दुल और राजगीर थाना के अवर पुलिस निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह द्वारा यह करवाई की गयी है. 14 बच्चों को भिक्षावृत्ति के दलदल से निकाला गया है. रेस्क्यू करने के बाद सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है. जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा ये निदेश पर रेस्क्यू अभियान नालंदा जिले में लगातार क्रियाशील रहेगा. उन्होंने बताया कि इस मामले में जो भी दोषी पाये जायेगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी. प्रशासन का कहना है कि ऐसे अपराधों पर सख्ती से रोक लगायी जायेगी. मुक्त कराये गये बच्चों को बाल कल्याण समिति उनकी सुरक्षा, पुनर्वास और शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठायेगी. उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक सदस्य को चाहिए कि वह बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें. उनकी सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाएं. शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और सुरक्षा ये सभी बच्चों के मौलिक अधिकार हैं. यह सुनिश्चित करना उनके माता पिता सहित समाज का कर्तव्य है. हम सभी को मिलकर ऐसे समाज की स्थापना करनी चाहिए, जहां बच्चे सुरक्षित, शिक्षित और खुशहाल जीवन जी सकें.

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