Bihar Tourism: पर्यटन केंद्र बनेगा बिहार का एक और धार्मिक स्थल, ऋषिकुंड के सौंदर्यीकरण का काम शुरू

Bihar Tourism: तपोवन स्थित ध्यान गुफा, जलधारा, और प्राकृतिक शांति इसे ध्यान, योग और आत्मचिंतन के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं. तपोवन की हरियाली, पथरीली चट्टानें और पहाड़ी दृश्य पर्यटकों को शांति और आनंद का अनुभव कराते हैं.

By Ashish Jha | December 25, 2025 10:27 AM

Bihar Tourism: गया . बिहार में एक और धार्मिक आस्था का केंद्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. बरियारपुर स्थित रामायण काल के आस्था से जुड़ी तपोवन के नाम से मशहूर ऋषिकुंड अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रही है और यहां आने वाले सैलानियों को तमाम तरह की सुविधाएं मिलेगी. हालांकि ऋषिकुंड की खासियत है कि यह प्राकृतिक की वादियों में स्थित है और यहां के कुंड से गर्म जल निकलता है, जो चर्म रोग के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इस पानी में बनने वाले भोजन भी अधिक स्वादिष्ट होते हैं.

ऋषि विश्वामित्र का ध्यान स्थल

तपोवन, गया जी जिले में स्थित एक सुरम्य और आध्यात्मिक स्थल है, जो पवित्र पहाड़ियों, गुफाओं और झरनों से घिरा हुआ है. यह स्थान ऋषियों-मुनियों की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम, लक्ष्मण और विश्वामित्र ने यहाँ तप किया था. अपने पवित्र गर्म झरनों, गुफाओं और मंदिरों के लिए जाना जाता है, गया के पास तपोवन ऋषि विश्वामित्र का ध्यान स्थल माना जाता है. यह क्षेत्र आध्यात्मिक महत्व के साथ लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करता है, जिससे यह ध्यान और आत्म-खोज के लिए एक आदर्श वापसी है. गुफाएं और पुराने आश्रमों की उपस्थिति इसके रहस्यमय आकर्षण को और बढ़ाती है.

पहली किस्त में मिली 10 करोड़ की राशि

धार्मिक आस्था के अनुसार यहां प्रत्येक तीन वर्ष पर मलमास मेला लगता है जो एक माह तक चलता है. इस मेले में लाखों श्रद्धालु मेला का आनंद लेने पहुंचते हैं. इसकी महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने प्रगति यात्रा के दौरान इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही थी और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए पहली किस्त में 10 करोड़ की राशि भी जारी कर दी गई है. दूसरी किस्त भी 10 करोड़ रुपये दी जायेगी. जिससे ऋषिकुंड का सौंदर्यीकरण होगा और यहां आने वाले सैलानियों को हर तरह की सुविधाएं मिलेगी. जिससे यहां की रौनकता बढ़ेगी और स्थानीय स्तर रोजगार के भी द्वार खुलेंगे.

कुंड के सौंदर्यीकरण का चल रहा कार्य

ऋषिकुंड विकास मंच के संयोजक मनोज सिंह बताते हैं कि यह स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी समृद्ध है. यहां प्रकृति दर्शन और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए अनेक अवसर हैं. इस परियोजना के तहत सर्वप्रथम ऋषिकुंड के जमीन की घेराबंदी हेतु चारदिवारी का निर्माण कार्य कराया जायेगा. वर्तमान में दो मंजिला भवन एवं 12 दुकान बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त कुण्डों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. साथ ही पार्किंग, छः यज्ञ मंडप का निर्माण एवं शौचालय बनाया जायेगा. इतना ही नहीं कुंड के समीप महिलाओं के लिए चेजिंग रूम भी बनाया जायेगा. ऋषिकुंड में चल रहे कार्य से लोगों में खुशी है और पूर्ण होने का इंतजार है.

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