Bihar News: खेतों में पुआल जलाया तो खैर नहीं, चेकिंग के लिए 37 टीमों का गठन, पकड़े जाने पर मिलेगी ये सजा

Bihar News: बिहार में भी खेतों में पुआल (पराली) जलाने वालों की खैर नहीं. धान की कटाई के बाद पुआल जलाने वाले किसानों को लेकर बिहार के कृषि विभाग का रवैया इस बार बेहद सख्त है. विभाग ने कहा है कि पुआल जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई हो सकती है. इसके लिए बिहार में एक साथ चेकिंग के लिये 37 टीमों का गठन कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2020 8:16 PM

Bihar News: बिहार में भी खेतों में पुआल (पराली) जलाने वालों की खैर नहीं. धान की कटाई के बाद पुआल जलाने वाले किसानों को लेकर बिहार के कृषि विभाग रवैया इस बार बेहद सख्त है. विभाग ने कहा है कि पुआल जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई हो सकती है. इसके लिए बिहार में एक साथ चेकिंग के लिये 37 टीमों का गठन कर दिया है.

राज्य और मंडल मुख्यालय स्तर के अधिकारियों को चेकिंग कर कार्रवाई की जिम्मेदारी दी गयी है. चेकिंग में पकड़े जाने पर वह अपनी फसल को एमएसपी पर नहीं बेच सकेंगे. सरकार पहले इससे पहले भी एक हजार से अधिक किसानों पर कार्रवाई कर चुकी है. किसान उपज लेने के बाद फसल अवशेष (पुआल आदि) को खेतों में ही जलाकर नष्ट किया जा रहा है.

16 जिलों में यह समस्या अधिक है. राज्य में नवंबर तक 640 मामले आ चुके हैं. इसमें कैमूर में 318 और रोहतास में ही 133 मामले हैं. कृषि निदेशक आदेश तितरमारे ने फसल अवशेष जलाने के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिये राज्य में एक साथ 16-17 दिसंबर को अभियान चलाने के आदेश दिये हैं.

दो दिन तक राज्यव्यापी छापेमारी

दो दिन तक होने वाले इस राज्यव्यापी छापेमारी में 15 जिलों के लिए कृषि निदेशालय के निदेशक, जेडी व उपनिदेशक स्तर के पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया है. अन्य जिलों में प्रमंडल स्तर के पदाधिकारियों को लगाया गया है. ये अधिकारी जिलों में ही कैंप करेंगे. चेकिंग के दौरान कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की स्थिति का भी आकलन कर निदेशालय को रिपोर्ट सौंपेंगे.

पकड़े गए तो मिलेगी ये सजा

चेकिंग के दौरान यदि कोई किसान खेत में फसल अवशेष नष्ट करते पकड़ा गया, तो कृषि विभाग में होने वाला उसका निबंधन तीन साल के लिए सस्पेंड कर दिया जायेगा. वह तीन साल तक एमएसपी पर अपनी फसल तक नहीं बेच पायेगा.अभी धान खरीद हो रही है.

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इस पर उन्हीं किसानों का धान लिया जा रहा है, जिनका निबंधन है किसानों को धान, गेहूं, मक्का सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचने के लिए सब्सिडी पर खाद और कृषि उपकरण लेने, डेयरी खोलने आदि योजनाओं का लाभ इसी निबंधन के आधार पर मिलता है. निबंधन निलंबित होने से किसान को तीन साल तक कृषि, सहकारिता और पशुपालन विभाग की किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा.

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Posted By: Utpal kant

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