Bihar News : बिहार में अपराधियों की अब खैर नहीं! इन 5 जगहों पर बनेंगे रेल अपराध नियंत्रण केंद्र और नया थाना

Bihar News : पटना रेल जिले में बढ़ते रेल अपराध और बड़े थाना क्षेत्रों की चुनौती से निपटने के लिए रेल पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है. रेल एसपी डॉ. इनामुल हक ने पुलिस मुख्यालय को एक नया रेल थाना और पांच रेल अपराध नियंत्रण केंद्र बनाने का प्रस्ताव भेजा है. इसका मकसद यह है कि किसी भी रेलखंड पर घटना होने की स्थिति में पुलिस को मौके तक पहुंचने में देर न हो और अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके.

By Pratyush Prashant | December 24, 2025 12:15 PM

Bihar News: बिहार में रेल यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे पुलिस ने एक बड़ा मास्टर प्लान तैयार किया है.अक्सर रेल थाना क्षेत्रों का दायरा बहुत बड़ा होने के कारण पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में देरी होती है, जिसका फायदा अपराधी उठा लेते हैं.

इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए पटना रेल एसपी डॉ. इनामुल हक ने पुलिस मुख्यालय को एक अहम प्रस्ताव भेजा है. इस योजना के तहत न केवल एक नया रेल थाना अस्तित्व में आएगा, बल्कि पांच रणनीतिक स्थानों पर रेल अपराध नियंत्रण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे.

रेल थानों का बड़ा इलाका

पटना रेल जिले के अंतर्गत बिहारशरीफ, गया, दानापुर, आरा, बक्सर और पाटलिपुत्र जैसे रेल थानों का क्षेत्रफल बेहद बड़ा है. कई थानों का दायरा 45 से 59 किलोमीटर तक फैला हुआ है.

ऐसे में अगर किसी दूरस्थ स्टेशन, हॉल्ट या पुल के पास कोई घटना होती है तो रेल पुलिस को वहां पहुंचने में काफी समय लग जाता है. इसी देरी का फायदा अपराधी उठाते रहे हैं.

पहाड़पुर में नया रेल थाना क्यों जरूरी

गया रेल थाना लगभग 59 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में फैला है. गया जंक्शन और दिलवा के बीच स्थित पहाड़पुर इस इलाके का संवेदनशील हिस्सा है, जहां तक पहुंचने में पुलिस को समय लगता है. गया से पहाड़पुर की दूरी करीब 27 से 32 किलोमीटर है और बीच में कई हॉल्ट पड़ते हैं. इसी वजह से पहाड़पुर में नया रेल थाना खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि घटनाओं पर तुरंत नियंत्रण हो सके.

हरनौत से दीघा तक पांच नए अपराध नियंत्रण केंद्र

रेल एसपी के प्रस्ताव में हरनौत, सदीसोपुर, बिहिया, डुमरांव और दीघा ब्रिज पर रेल अपराध नियंत्रण केंद्र बनाने की सिफारिश की गई है. हरनौत, बिहारशरीफ रेल थाना क्षेत्र में आता है, जहां आसपास की घटनाओं में पुलिस को पहुंचने में देरी होती है. सदीसोपुर, दानापुर रेल थाना क्षेत्र में कोइलवर तक फैले लंबे इलाके को देखते हुए चुना गया है.

आरा रेल थाना का क्षेत्र करीब 50 किलोमीटर लंबा है, इसलिए बिहिया को रणनीतिक स्थान माना गया है. वहीं बक्सर रेल थाना के 45 किलोमीटर लंबे दायरे में डुमरांव एक अहम पड़ाव है. पाटलिपुत्र रेल थाना से दीघा ब्रिज की दूरी कम जरूर है, लेकिन पुल और आसपास की संवेदनशीलता को देखते हुए वहां अपराध नियंत्रण केंद्र जरूरी माना गया है.

सुरक्षा मजबूत होगी, अपराध पर लगेगी लगाम

रेल पुलिस का मानना है कि इन नए केंद्रों और थाना के बनने से घटनास्थल तक पहुंचने का समय घटेगा और रेल यात्रियों की सुरक्षा मजबूत होगी. अब अंतिम फैसला पुलिस मुख्यालय को लेना है, लेकिन प्रस्ताव ने साफ संकेत दे दिया है कि बिहार में रेल सुरक्षा व्यवस्था को नए सिरे से मजबूत करने की तैयारी शुरू हो चुकी है.

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