Bihar Doctor Strike: 11 सूत्री मांगों पर अड़े बिहार के चिकित्सक, आज से करेंगे हड़ताल, बंद रहेगी ओपीडी

Bihar Doctor Strike: बिहार स्वास्थ्य संघ के द्वारा गुरुवार से हड़ताल का आवाह्न किया गया है. हड़ताल के कारण राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेंगे. संघ के द्वारा बताया गया है कि डॉक्टर बायोमेट्रिक अटेंडेंस और 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 6, 2022 1:09 PM

Bihar Doctor Strike: बिहार स्वास्थ्य संघ के द्वारा गुरुवार यानी आज से हड़ताल का आवाह्न किया गया है. हड़ताल के कारण राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेंगे. संघ के द्वारा बताया गया है कि डॉक्टर बायोमेट्रिक अटेंडेंस और 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं. इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी गयी है. बिहार स्वास्थ्य संघ के महासचिव डॉ रंजीत कुमार ने बताया कि राज्यभर के चिकित्सक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे लेकिन इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवा बहाल रहेगी. डॉक्टरों के हड़ताल जाने की की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को दी गयी है. इसके साथ ही, सभी जिलों के सिविल सर्जन को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है.

सरकारी अस्पतालों में बंद रहेगी ओपीडी

गुरुवार को राज्य के सभी सरकारी अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए ओपीडी में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. चिकित्सक ओपीडी में मरीजों की चिकित्सा नहीं करेंगे. हालांकि इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे. चिकित्सकों के हड़ताल से राज्य के स्वास्थ्य सेवा पर असर पड़ेगा. संघ के द्वारा कहा गया है कि बीते दिनों हड़ताल के बाद सरकार के द्वारा आश्वासन दिया था कि सभी मामलों सुनवाई होगी. अभी तक सरकार के द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया है.

‘सरकार नहीं मानी होगा अनिश्चितकालीन हड़ताल’

बिहार स्वास्थ्य संघ के महासचिव डॉ रंजीत कुमार ने बताया कि हड़ताल का फैसला संघ की बैठक में लिया गया है. गुरुवार को हड़ताल सांकेतिक है. संघ की मांग है कि हमारे द्वारा दी गयी 11 सूत्री मागों को सरकार तुंरत मानें. सरकार अगर हमारी मांगों को नहीं मानती है तो राज्य भर के चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. बता दें कि चिकित्सक बायोमेट्रिक अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही, चिकित्सक अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ लगातार हो रही मारपीट से सुरक्षा की भी मांग कर रहे हैं. इससे पहले पिछली सप्ताह में भी जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट के खिलाफ पांच दिनों तक हड़ताल किया था.

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