bhagalpur news. आज सुख-समृद्धि के लिए होगी भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा
अनंत चतुर्दशी आज.
शनिवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चौदस को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जायेगा. इसे लेकर शुक्रवार को सिल्क सिटी के विभिन्न चौक-चौराहे समेत मुख्य बाजार वेराइटी चौक, लोहापट्टी में रौनक दिखी. बाजार में श्रद्धालु अनंत सूत्र खरीदारी करते दिखे. देर शाम तक श्रद्धालु फल, पूजन सामग्री व अनंत सूत्र की खरीदारी करने में लगे हुए थे.पंडित शंकर मिश्रा ने बताया कि अनंत पूजा से लोग सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति की कामना करते हैं. इस पूजा में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है और लोग अपने दाहिने हाथ में 14 गांठों वाला अनंता धागा बांधते हैं, जो 14 लोकों का प्रतीक है और चारों ओर से सुरक्षा प्रदान करता है.
अनंत पूजा का महत्व व पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत या शाश्वत रूप की पूजा की जाती है, जिसके बाद वे योगनिद्रा से जागते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. इस पूजा को करने से व्यक्ति को सुख, शांति, वैभव और यश की प्राप्ति होती है. 14 गांठों वाला अनंतधागा बांधने से व्यक्ति सुरक्षित रहता है और सभी प्रकार के संकटों से रक्षा होती है. पूजा के बाद, पुरुष दाहिने हाथ और महिलाएं बाएं हाथ की बाजू में कच्चे सूत से बना 14 गांठों वाला अनंत सूत्र बांधती हैं. अनंत सूत्र बांधते समय ””””””””ऊँ अनंताय नमः”””””””” मंत्र का जाप किया जाता है. पूजा के बाद लोग कथा सुनते हैं और पूजा पकवान व मिष्ठान्न का भोग लगाते हैं. पंडित अंजनी शर्मा ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत काल से अनंत चतुर्दशी व्रत की शुरुआत हुई थी. इस व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह स्नान करने के बाद, पूजा स्थान को साफ करना चाहिए. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. अपने पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें. पुरुष दाएं और महिलाएं बाएं हाथ में बांधें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
