bhagalpur news. आज अक्षय नवमी पर आंवला पेड़ व भगवान विष्णु की होगी पूजा और मंदिरों में होंगे विविध आयोजन

जिले के विभिन्न स्थानों पर अक्षय नवमी पर गुरुवार को आंवला वृक्ष की पूजा-अर्चना की जायेगी. इस दिन अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग आयोजन होंगे.

By NISHI RANJAN THAKUR | October 29, 2025 10:19 PM

जिले के विभिन्न स्थानों पर अक्षय नवमी पर गुरुवार को आंवला वृक्ष की पूजा-अर्चना की जायेगी. इस दिन अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग आयोजन होंगे. इस दौरान भगवान विष्णु की भी पूजा होगी.

इस बार उदया तिथि के अनुसार 31 अक्तूबर को आंवला नवमी होगी, जबकि नवमी तिथि का प्रवेश 30 अक्तूबर को होगा. इस कारण अधिकतर स्थानों पर प्रवेश की तिथि के दिन ही अक्षय नवमी पर पूजा-अर्चना की जायेगी. हालांकि कई स्थानों पर उदया तिथि के अनुसार अक्षय तिथि पर 31 अक्तूबर को आयोजन होगा.

शिवशक्ति मंदिर में होगा महाभंडारा का आयोजन

मान्यता है कि नवमी, आंवला पूजन, कुष्मांडा पूजन, धात्री पूजन के नाम से जाना जाने वाले अक्षय नवमी के दिन कोई भी कार्य करें] शुभ होता हैं. इस दिन को अक्षय तृतीया जैसा फल प्राप्त होता है. महंत अरुण बाबा ने बताया कि आदमपुर स्थित शिव शक्ति मंदिर परिसर में खिचड़ी व अन्य व्यंजन का महाभंडारा होगा. महंत विजयानंद शास्त्री ने बताया कि कुपेश्वरनाथ मंदिर में रात्रि में भंडारा होगा. संयोजक मनोज चूड़ीवाला ने बताया कि चुनिहारी टोला स्थित राणी सती मंदिर में सामूहिक मंगलपाठ होगा. इसे लेकर दादीजी सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल खेतान, ओमप्रकाश कानोडिया व मनोज चूड़ीवाला लगे हैं.

शिववास, वृद्धि व रवि योग में अक्षय नवमी

अक्षय नवमी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है. इसे विशेष रूप से शुभ कार्यों के लिए जाना जाता है, क्योंकि इस दिन किए गए अच्छे कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता. पंडित समीर मिश्रा ने बताया कि पंचांग के अनुसार 30 अक्तूबर को प्रात: 10:06 बजे से प्रारंभ होगी और 31 अक्तूबर को प्रात: 10:03 बजे इसका समापन होगा. उदया तिथि के आधार पर अक्षय नवमी का पर्व 31 अक्तूबर को मनाया जायेगा. इस बार अक्षय नवमी पर वृद्धि योग और रवि योग जैसे कई शुभ योग रहेंगे. 31 अक्तूबर को वृद्धि योग सुबह 06:17 बजे से पूरे दिन रहेगा. रवि योग भी दिनभर रहने वाला है. साथ ही, शिववास योग भी इस दिन को खास बना रहा है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा, दान और उसके नीचे भोजन करने से अक्षय पुण्य मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. देवउठनी एकादशी के दो दिन पहले अक्षय नवमी पड़ने के कारण भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. आंवला नवमी का का पूजन कार्तिक शुक्लपक्ष के नवमी तिथि को मनाया जाता है. अक्षय नवमी के व्रत में आवले के पेड़ तथा भगवन विष्णु के पूजन किया जाता है. धार्मिक मान्यता है अक्षय नवमी के दिन से लेकर पूर्णिमा तक भगवन विष्णु आंवले के पेड़ के नीचे निवास करते हैं.

आंवला स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

उद्यान विभाग के विशेषज्ञ की मानें तो, आंवला स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसमें विटामिन व आयरन भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. प्रतापगढ़ व बनारस का आंवला दूर-दूर तक मशहूर है. आंवला के उत्पादन को भागलपुर में बढ़ावा मिले, तो आंवला पाउडर, आंवला जूस व आंवला का मुरब्बा तैयार व्यावसायिक क्षेत्र बढ़ा सकते हैं. आंवला पर्यावरण की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. दरअसल भागलपुर की मिट्टी आंवला पेड़ के लिए उपयुक्त है. वैज्ञानिक खेती से बेहतर उत्पादन पा सकेंगे.

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