Bhagalpur News: बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा : खुद तो शिविर में खा ले रहे, भूखी रह रही बेजुबान मवेशी

सुलतानगंज प्रखंड के अकबरनगर में बाढ़ का कहर जारी है. किशनपुर, श्रीरामपुर, फतेहपुर, ग्वालपुर, नवटोलिया, रामचंद्रपुर, भवनाथपुर, गौरीपुर व मकंदपुर सहित सभी पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस चुका है.

By SANJIV KUMAR | August 13, 2025 12:49 AM

= सड़क किनारे समय काट रहे बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं बरकरार

संवाददाता, भागलपुर

सुलतानगंज प्रखंड के अकबरनगर में बाढ़ का कहर जारी है. किशनपुर, श्रीरामपुर, फतेहपुर, ग्वालपुर, नवटोलिया, रामचंद्रपुर, भवनाथपुर, गौरीपुर व मकंदपुर सहित सभी पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. नाथनगर से भवनाथपुर-अकबरनगर तक बाढ़ की स्थिति भयावह है. हालांकि अकबरनगर के बाद सुलतानगंज की ओर जाने वाली छोटे वाहनों को वर्जित रखा गया है. दो गच्छी से सड़कों के दोनों बगल पानी है कुछ जगहों पर सड़कों पर भी पानी आ गया है.

भवनाथपुर के बाद से लगभग कमरभर पानी है. जिसके कारण मुख्य सड़क पूरी तरह से बाढ़ में डूब चुकी है. जिसके कारण आवागमन बाधित हो गया है. गांव डूब जाने के बाद पीड़ित सड़क किनारे अपना बसेरा बना लिए हैं. वहां भी बाढ़ का कहर है. ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के कारण अलग-अलग पंचायत के दर्जनों गांव डूब चुके हैं. किसनपुर के एक किसान सौरव तांती ने बताया कि सड़क किनारे जिनका मकान है वह भी आधा से अधिक डूब चुका है. लोग घर जाने से कतरा रहे हैं. कुछ छत पर, तो कुछ सड़कों पर ही रह कर गुजारा कर रहे हैं. एक महिला ने बताया कि घर आधा डूब चुका है, रात के वक्त सड़क किनारे डर लगता है. शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. सामुदायिक किचन में पीड़ितों का कहना है कि उनका पेट तो किसी तरह भर रहा है परंतु माल-मवेशी का खाना मुश्किल हो रहा है. समुचित चारा नहीं मिल रहा है.

ब्लॉक तक पहुंचने के सभी रास्ते हैं बंद, टेलीफोन नेटवर्क भी बुरी तरह प्रभावित

प्रभात खबर से बात करते हुए बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि इतनी त्रासदी है कि खाने तक के लाले पड़ रहे हैं. मकंदपुर निवासी सूरज कुंवर ने बताया कि यहां के किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी. जनजीवन बिल्कुल ठप है. बच्चों की पढ़ाई भी बंद हो चुकी है. जिला प्रशासन की ओर से लगाये सामुदायिक किचन से दो वक्त का खाना मिल रहा है. लोग बीमार हैं. मुख्य सड़क डूब जाने के कारण अस्पताल जाना मुश्किल हो गया है. नाव ही एकमात्र सहारा है. प्राथमिक उपचार से किसी तरह काम चल पा रहा है. भवनाथपुर के एक किसान सन्नी कुंवर ने बताया कि बाढ़ आने से इस इलाके के अमूमन पंचायत प्रभावित हुए हैं. पूरा इलाका जलमग्न हो चुका है. मुख्य सड़कों पर पानी की धार बह रही है. दूसरी जगह जाने के लिए सभी मुख्य रास्ते ब्लॉक हैं. टेलीफोन नेटवर्क भी ठीक से काम नहीं कर रहा. खाने-पीने की भी समस्या हो रही है. हालांकि प्रत्येक पंचायत में जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा दो से तीन सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है. जिसमें लगभग 600 लोगोंं को एक पहर में खाना खिलाने की बात कही गयी है.

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