bhagalpur news. जांच कमेटी ने अस्पताल अधीक्षक को सौंपी रिपोर्ट

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के क्लीनिकल पैथोलॉजी में कार्यरत निजी एजेंसी पीओसीटी के खिलाफ एक जांच कमेटी ने अस्पताल अधीक्षक को रिपोर्ट सौंप दी है.

By NISHI RANJAN THAKUR | August 8, 2025 12:21 AM

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के क्लीनिकल पैथोलॉजी में कार्यरत निजी एजेंसी पीओसीटी के खिलाफ एक जांच कमेटी ने अस्पताल अधीक्षक को रिपोर्ट सौंप दी है. अधीक्षक डाॅ अविलेश कुमार ने कहा कि जांच कमेटी की एक टीम ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है. एक जांच रिपोर्ट माइक्रोबाॅयोलोजी एवं बॉयोकेमेस्ट्री विभाग की तरफ से जांच कर देना बाकी है. हालांकि 11 अगस्त को लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी स्वास्थ्य विभाग के यहां मामले की सुनवाई होगी. बता दें कि मायागंज अस्पताल के क्लीनिकल पैथोलॉजी विभाग में कार्यरत निजी एजेंसी पीओसीटी पर जांच में अनियमितता, केमिकल व वायल की खपत में हेरफेर का गंभीर आरोप लगा है.

एमबीबीएस छात्रों के मानदेय बढ़ाने की मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के जूनियर डॉक्टर नेटवर्क, बिहार चैप्टर ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर रहे एमबीबीएस छात्रों के लिए मानदेय बढ़ाने की मांग की है. संगठन ने सात अगस्त को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजते हुए कहा है कि बिहार में इंटर्न्स को मिलने वाला 20 हजार रुपए प्रति माह का स्टाइपेंड कम है. इसे कम-से-कम 40 हजार किया जाये. बिहार चैप्टर के स्टेट कन्वेनर डॉ सौरव कुमार व स्टेट जनरल सेक्रेटरी डॉ अंकेश प्रभाकर द्वारा पत्र में कहा गया है कि अन्य राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल व ओडिशा में इंटर्न्स को 43 हजार तक का स्टाइपेंड दिया जाता है. यहां तक कि बिहार सरकार के अधीन कार्यरत आईजीआएमएस पटना में भी 30 हजार तक दिया जा रहा है. संगठन ने 2014 की स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना संख्या 125(1) का हवाला देते हुए कहा कि इंटर्न और पीजी छात्रों के स्टाइपेंड की समीक्षा हर तीन वर्षों में होनी चाहिए, जबकि आखिरी बार संशोधन 2021 में हुआ था. उसके बाद से यह दर जस की तस बनी है. पत्र की प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री को भी भेजी गयी है.

किडनी पेशेंट को मायागंज अस्पताल किया गया रेफर

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से गुरुवार को किडनी के एक रोगी को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर किया गया. अकबरनगर निवासी किडनी रोगी को लेकर उनके परिजन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंचे थे. मरीज को तत्काल डायलिसिस की जरूरत थी. यहां चिकित्सकों ने जांच की. इसके बाद तत्काल उनको जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया गया. इस बाबत अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया डायलिसिस के लिए एक केमिकल की जरूरत होती है. इसकी खरीदारी नहीं हो पायी है. इस कारण से यह सेवा आरंभ नहीं की गयी है. हालांकि केमिकल की खरीदारी के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

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