bhagalpur news. किरायेदारों ने छोड़ा घर, मकान मालिक ले रहे सगे-संबंधी के घर में शरण
पांच दिनों से अधिक हो जाने के बाद भी आदमपुर घाट, बैंक कॉलोनी, मानिक सरकार घाट क्षेत्र, गोलाघाट क्षेत्र, किलाघाट क्षेत्र आदि में गंगा के पानी के साथ-साथ नाले का गंदा पानी भरता ही जा रहा है.
गंगा किनारे बसे शहर के विभिन्न मोहल्ले के लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है. पांच दिनों से अधिक हो जाने के बाद भी आदमपुर घाट, बैंक कॉलोनी, मानिक सरकार घाट क्षेत्र, गोलाघाट क्षेत्र, किलाघाट क्षेत्र आदि में गंगा के पानी के साथ-साथ नाले का गंदा पानी भरता ही जा रहा है. यहां की सबसे बड़ी परेशानी आवागमन, जहरीले जीव-जंतु, मच्छर, बदबू आदि की है. इससे इन क्षेत्रों में रह रहे किरायेदारों ने घर छोड़ दिया. इतना ही नहीं मकान मालिक भी सगे-संबंधी के घर में शरण लेने को विवश हैं. कहीं चोरी का भय, तो कहीं जहरीले जीवों का भय, रतजगा करने को विवश शहरी क्षेत्र के वार्ड 18 में कसबा गोलाघाट, सखीचंद घाट आदि मोहल्लों में बाढ़ से 200 से अधिक घरो में पानी घुस जाने के कारण लोगो का दिनचर्या प्रभावित हो गयी है. कसबा गोलाघाट के मनोज राय ने बताया कि हमेशा जहरीले जीवों का भय बना रहता है. रात भर जागकर रहना पड़ रहा है. बारी-बारी से परिवार के सदस्य जगने को विवश हैं. मेघु राम ने बताया कि भोजन, पीने का पानी का काफी दिक्कत है. बच्चों को ऊपर छत पर रात गुजारनी पड़ रही है. विजय चौधरी ने बताया कि घर में पानी घुस जाने से शौचालय भी नहीं जा पा रहे हैं. जिला प्रशासन व नगर निगम की ओर से कोई भी सुविधा नही मिली है. कोई देखने तक नही आया. विनय सिंह, पूरण पासवान, योगेंद्र दास, राम रजक, रामाशीष सिंह, मोहन साह, मनीष सिंह, जगदीश यादव, मीना देवी, नेपाली मंडल, निशाकर मिश्रा, पवन कुशवाहा,आदि ने बताया कि कई लोगों को घर छोड़ना पड़ा. जदयू नेता राकेश कुमार ओझा ने जिला प्रशासन व नगर निगम से यथाशीघ्र शहरी क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित मोहल्ले में भोजन, पीने का पानी, दवाई एवं टेंट आदि के तंबू की व्यवस्था करने की मांग की है. बाढ़ प्रभावित मोहल्ले में नाव की व्यवस्था की जाये, इससे लोगो को अपने घर से निकलने में परेशानी का सामना ना करना पड़े. कहीं मच्छर से परेशानी, तो कहीं सड़ांध आदमपुर घाट के राकेश कुमार ने बताया कि बैंक कॉलोनी में बहुत परेशानी है. बैंक कॉलोनी के अधिकतर घरों में ग्राउंड फ्लोर में पानी भर गया है. सड़क पर घुटना तक पानी भर गया है. बाइक से आना-जाना भी मुश्किल हो रहा है. सड़क पर फिसलन हो गयी है. सड़क पर कीचड़ जमने से खुद फिसल कर गिर गये थे. मच्छर की परेशानी बढ़ती जा रही है. कोई सावधानी व उपाय काम नहीं कर रहा है. अधिकतर रेंटर घर छोड़ कर दूसरे ठिकाना ढूंढ़ रहे हैं. कई लोग अपने गांव या सगे-संबंधी के यहां शरण लिये हुए हैं. घर में जहरीला जीव-जंतु सांप, बिटगोय आदि घुस रहा है. मानिक सरकार के प्रवीण कुमार ने बताया कि उनके घर में भी पानी भर गया है. सखीचंद घाट के बमबम ठाकुर ने बताया कि वह खुद यहां से दूसरी जगह रहने को विवश हैं. घर में रहना मुश्किल हो गया. शहर के मानिक सरकार मुहल्ले में कई वीआइपी लोगों के घर में तो पानी घुसा गया. इसके अलावा एक अपार्टमेंट के बेसमेंट में पानी भर गया है. यहां के लोगों को अपनी गाड़ी लगाने में दिक्कत हो रही है. भैरवा तालाब समीप सड़क पर पानी बहने लगा पानी, तो मथुरापुर मार्ग से सुलतानगंज का टूटा संपर्क शहर के पश्चिमी क्षेत्र अंतर्गत भूतनाथ मंदिर चारों तरफ बाढ़ के पानी से घिर गया. भैरवा तालाब के समीप सड़क पर पानी बहने लगा. कहीं घुटना भर पानी, तो कहीं कमर भर पानी सड़क पर बहने लगा. साहेबगंज के अधिकतर गली में पानी घुस गया. लोगों का घर में रहना मुश्किल हो गया. चंपानगर के आगे चंपानाला पुल, मथुरापुर, हरिदासपुर समेत 12 से अधिक गांव जलमग्न हो गये. मथुरापुर व भवनाथपुर मुख्य मार्ग पर इतना पानी भर गया कि सुलतानगंज का संपर्क टूट गया. लोगों का कहना है कि बहुत जरूरी होने पर ट्रैक्टर पर आ-जा रहे हैं. बाइक व अन्य वाहनों का आना-जाना लगभग बंद हो गया है. मथुरापुर सत्संग भवन जलमग्न हो गया है, तो मथुरापुर का पुलिया भी जलमग्न हो गया. चंपानाला पुराना लोहा पुल में पानी सट गया है. समीप स्थित मदनीनगर मैदान, मोहनपुर, लालूचक आदि का अधिकतर घर पानी में डूब गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
