bhagalpur news. एसी-डीसी बिल व उपयोगिता प्रमाणपत्र पर सख्ती, डीएम ने दिया त्वरित निपटारे का निर्देश

समीक्षा भवन में डीएम की अध्यक्षता में एसी-डीसी बिल और उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) को लेकर सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों (डीडीओ) के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी.

By NISHI RANJAN THAKUR | December 20, 2025 11:31 PM

समीक्षा भवन में डीएम की अध्यक्षता में एसी-डीसी बिल और उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) को लेकर सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों (डीडीओ) के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. बैठक में लंबित डीसी विपत्र और यूसी की गहन समीक्षा की गयी. डीएम ने बताया कि जिले के 59 निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों के स्तर पर करीब 65 करोड़ रुपये के डीसी विपत्र लंबित हैं, जबकि जिले के कुल 62 डीडीओ के स्तर पर लगभग 293 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण-पत्र विभाग एवं महालेखाकार कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने बाकी हैं. इसके बाद हर पदाधिकारियों के लंबित डीसी और यूसी की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिये गये. डीएम ने कहा कि 01 अप्रैल 2019 के बाद की अवधि के डीसी विपत्र एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र सीएफएमएस पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतों के कारण अब ऑफलाइन माध्यम से ही एसी-डीसी एवं यूसी संग्रहण केंद्र के जरिये महालेखाकार कार्यालय को भेजे जायें. वहीं, 01 अप्रैल 2019 से पूर्व की अवधि के सभी डीसी और यूसी पहले की तरह ऑफलाइन माध्यम से ही समर्पित किये जायें. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ऑनलाइन यूसी सब्मिट करने में तकनीकी समस्या की जानकारी दी, जिस पर डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि अब सभी डीसी एवं यूसी विपत्र ऑफलाइन मोड में 48 घंटे के अंदर महालेखाकार कार्यालय को समर्पित किये जायें. आपत्तियों के साथ लौटे डीसी पर निर्देश जिला कल्याण कार्यालय की ओर से बताया गया कि उनके यहां से संबंधित सभी बिल सृजन कांड से जुड़े होने के कारण सीबीआई के पास हैं, जिससे डीसी विपत्र तैयार करने में कठिनाई हो रही है. डीएम ने सीबीआई कार्यालय से समन्वय स्थापित कर बिल प्राप्त करने और डीसी विपत्र तैयार करने का निर्देश दिया. जिला स्वास्थ्य समिति के प्रतिनिधि ने बताया कि पूर्व में डीसी विपत्र महालेखाकार कार्यालय को भेजा गया था, लेकिन आपत्तियों के साथ लौटा दिया गया है. डीएम ने बीटीसी फॉर्म संलग्न कर 24 घंटे के अंदर डीसी विपत्र पुनः समर्पित करने के निर्देश दिये. कई निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा पहले ही डीसी और यूसी जमा कराने की जानकारी दी गयी, जिन्हें डीएम ने अपने विभाग और महालेखाकार कार्यालय से समन्वय कर 23 दिसंबर 2025 तक सभी लंबित मामलों का समायोजन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. 13 डीडीओ पर 90–95 प्रतिशत लंबित राशि केंद्रित बैठक में बताया गया कि जिले के 13 डीडीओ के पास कुल लंबित डीसी विपत्र राशि की लगभग 90 प्रतिशत और उपयोगिता प्रमाण-पत्र की 95 प्रतिशत राशि सन्निहित है. इनमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य व अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सहित अन्य प्रमुख कार्यालय शामिल हैं. 2 जनवरी से निरीक्षण अभियान डीएम ने सभी पदाधिकारियों से कहा कि जिन विभागों के अधीन प्रखंडस्तरीय पदाधिकारी व कार्यालय हैं, वे अपनी व्यवस्थाओं में तत्काल सुधार करें. 2 जनवरी 2026 से वृहद निरीक्षण अभियान शुरू किया जायेगा, जिसमें स्वयं डीएम जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ निरीक्षण पर निकलेंगे. निरीक्षण के दौरान खामियां पाये जाने पर संबंधित प्रखंड और जिला स्तरीय पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केंद्र, अस्पताल, पैक्स, पंचायत सरकार भवन, आरपीएस सेंटर, पीडीएस डीलर सहित कृषि, पशुपालन, गव्य विकास, मत्स्य, सहकारिता जैसे सभी विभागों के अधीन संस्थानों और सड़क, पुल-पुलिया, तालाब व भवनों का भी निरीक्षण किया जायेगा.

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